बिना किसी प्रकार के उदर रोग हुए, सिर्फ़ जठराग्नि को प्रदीप्त रखने और पाचन शक्ति ठीक रखने के लिए यह चूर्ण उपयोगी है। खाने में यह स्वादिष्ट है और मुंह का स्वाद अच्छा करता है। इसे दिन में 1-2 बार यूं ही फांक कर खाया जा सकता है। मेहमानों को 1-1 चम्मच चूर्ण खिलाइए। वे प्रसन्न होंगे और चूर्ण की प्रशंसा करेंगे।
योग - नींबू का सत (Citric Acid) 15 ग्राम, मिश्री पिसी हुई 160 ग्राम, अनारदाना 40 ग्राम, सोंठ 40 ग्राम, काली मिर्च, पीपल, छोटी इलायची, दालचीनी, तेजपात, पुदीना के पत्ते- सभी छः चीजें 20-20 ग्राम, भुना हुआ जीरा 120 ग्राम धनिया 80 ग्राम और सेंधा नमक 100 ग्राम।
पहले नींबू के सत को आधा चम्मच पानी के साथ खरल कर घोंट लें। मिश्री और सेंधा नमक अलग रखकर शेष सभी दस चीजें खूब बारीक कूट पीसकर महीन चूर्ण करके इसमें डाल कर खरल करें। अच्छी तरह मिल जाए तब मिश्री पीस कर डाल दें और खरल करें। अंत में सेंधा नमक पीस कर डाल दें और खूब अच्छी तरह मिला लें। यह चूर्ण 'अनारदाना चूर्ण' या 'स्वादिष्ट पाचन चूर्ण' के नाम से बना हुआ बाजार में भी मिलता है।
मात्रा - आधा या एक चम्मच मात्रा में फांक कर सेवन करें या जल के साथ लें। यह सभी आयु वालों के लिए उपयोगी है।
लाभ - यह चूर्ण मुंह का जायका ठीक करता है, पाचक अग्नि तेज करता है, अपच, मंदाग्नि अरुचि और पेट फूलना आदि की स्थिति को दूर रखता है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024