 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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रंगों का त्योहार होली जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है लोगों में उत्साह का माहौल है। होली को मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, नंदगाम और बरसाना में भी जाना जाता है। इन जगहों पर लट्ठमार होली भी खेली जाती है। इस दिन एकमक की पेंटिंग कर होली मनाई जाती है। इस समय बाजार में कई सिंथेटिक रंग उपलब्ध हैं। जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। होली के रंग से त्वचा को होने वाले नुकसान से बचने के लिए प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें। इसे आप आसानी से घर पर भी बना सकते हैं।
लाल रंग
लाल रंग बनाने के लिए आप जासौन का फूल लें और उसे सुखा लें। इसे पीसी के लिए पाउडर बना लें। इस तरह आप लाल चंदन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें उतनी ही मात्रा में चावल का आटा मिला लें, जिससे पाउडर की मात्रा बढ़ जाए। इसके अलावा अगर आप गीला रंग बनाना चाहते हैं तो अनार के छिलके को पानी में उबालकर इस्तेमाल कर सकते हैं l यह एक प्राकृतिक रंग के साथ काम करेगा।
पीला रंग
हल्दी पाउडर और बेसन को बराबर मात्रा में मिलाकर पीला रंग बना लें इसे मिलाकर एक खाली गुलाल बना लें। अगर आप गीला रंग बनाना चाहते हैं तो एक पीले गेंदे का फूल लें और उसे कुचलकर पानी में उबाल लें और गीला रंग बना लें।
हरा
हरा बनाने के लिए मेंहदी का प्रयोग करें। अगर आप गीला रंग चाहते हैं तो आप पानी में मेंहदी पाउडर मिला सकते हैं। आप हरी पत्तेदार सब्जियों को पानी में उबालकर भी हरा बना सकते हैं।
गुलाबी रंग
पिंक यानी मैजेंटा कलर के लिए आप चुकंदर की मदद ले सकते हैं। इसे ठीक करके रात भर पानी में रहने दें। इस रंग के लिए आप प्याज का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
भूरा रंग
इस रंग को बनाने के लिए आप भूरे रंग के फूल की पंखुड़ी की मदद ले सकते हैं। इसे सुखाकर पाउडर बना लें। फिर इसमें चावल का आटा मिला लें। इस तरह आपका ब्राउन गुलाल तैयार हो जाएगा. यदि आप गीला रंग पसंद करते हैं, तो आप जकरंदा फूल का उपयोग कर सकते हैं। इसे सुखाकर पाउडर बना लें और पानी में मिला लें।
 
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