29 जून : देवशयनी एकादशी (इसका व्रत महापुण्यमय, स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदायक तथा पापनाशक है), चातुर्मास व्रतारंभ (चतुर्मास में भगवान विष्णु के सामने खड़े होकर 'पुरुष सूक्त' का पाठ करने से बुद्धि शक्ति बढ़ती है)।
3 जुलाई : गुरु पूर्णिमा (इस दिन गुरुद्वार पर जाकर गुरु का दर्शन, सत्संग-श्रवण व मानस-पूजन करने से वर्षभर के सभी व्रत-पर्वों का पुण्य फल फलित हो जाता है), 33वीं ऋषि प्रसाद जयंती।
9 जुलाई : रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से रात्रि 07.59 तक)।
13 जुलाई : कामिका एकादशी।
15 जुलाई : चतुर्दशी-आर्द्रा नक्षत्र योग (रात्रि 12.23 से 16 जुलाई रात्रि 10.08 तक) (ॐकार का जप अक्षय फलदायी)।
16 जुलाई : कर्क संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर 12.46 से सूर्यास्त तक)।
17 जुलाई : सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से रात्रि 12.01 तक) (सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है)।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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