Published By:धर्म पुराण डेस्क

घर के इस स्थान पर स्वास्तिक बनाने से घर में सुख-शांति आती है

स्वास्तिक चिन्ह को शुभ कार्यों में से एक माना जाता है। स्वास्तिक बनाने से नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर रहती है। 

स्वास्तिक को गणेश का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि स्वास्तिक चिन्ह की उत्पत्ति आर्यों से हुई है। स्वास्तिक चिन्ह का प्रयोग हर शुभ कार्य में किया जाता है।

शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश का नाम लिए बिना किया गया कार्य सफल नहीं होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भगवान गणेश का नाम लिया जाता है और पूजा शुरू करने से पहले एक स्वास्तिक चिन्ह बनाया जाता है। 

स्वास्तिक का धार्मिक के साथ-साथ वास्तु में भी विशेष महत्व माना गया है। यहां जानिए घर पर स्वास्तिक बनाने के चमत्कारी फायदे।

मुख्य द्वार पर स्वास्तिक :

घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर वास्तु के अनुसार स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और घर में भौतिक दोषों से भी छुटकारा दिलाता है। लेकिन ध्यान रहे कि मुख्य द्वार पर सिंदूर से 9 अंगुल लंबा और चौड़ा स्वास्तिक बनाना चाहिए।

घर के आंगन में स्वास्तिक:

आंगन के बीच में रंगोली के रूप में स्वास्तिक बनाना भी शुभ होता है. घर के आंगन में गाय के गोबर से स्वास्तिक बनाने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है। जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है। घर के आंगन में स्वास्तिक बनाने से सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।

घर के मंदिर में स्वास्तिक:

देवस्थान यानि मंदिर में स्वास्तिक बनाने और उस पर देवताओं की मूर्ति स्थापित करने से उनका आशीर्वाद मिलता है। जिस स्थान पर आप अपने घर में इष्ट देव की पूजा करते हैं, उस स्थान पर भगवान के आसन पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना बहुत शुभ होता है।

तिजोरी में स्वास्तिक:

स्वास्तिक का चिन्ह वस्त्र, तिजोरी या उस स्थान पर बनाना चाहिए जहाँ आप अपना धन रखते हैं। इससे न केवल समृद्धि आती है, बल्कि किसी भी तरह से आर्थिक संकट नहीं होता है। विशेष रूप से दिवाली पर राजकोष के अंदर स्वास्तिक बनाना चाहिए।

घर की दहलीज पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना:

जो लोग रोज सुबह उठकर लक्ष्मी के आगमन के विचार से आयु की पूजा करते हैं और उसके दोनों ओर स्वास्तिक बनाते हैं, उनके घर में लक्ष्मी का वास होता है। रोज सुबह जल्दी उठें और घर की सफाई के बाद धूप जलाएं और भगवान की पूजा करें।


 

धर्म जगत

SEE MORE...........