मलेरिया बुखार: मलेरिया सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है। यह रोग संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। यदि इस रोग का समय पर उपचार नहीं किया जाये तो रोगी की मृत्यु का खतरा रहता है।
मलेरिया बुखार: वर्तमान में वायरल फ्लू और मलेरिया जैसी बीमारियों का फैलाव बढ़ जाता है। मलेरिया एक मच्छर जनित रोग है। मलेरिया सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है। यह रोग संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर को काटने से वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है। वायरस आपके शरीर में रक्त कोशिकाओं पर हमला करना शुरू कर देता है। यदि इस रोग का समय पर उपचार नहीं किया गया तो रोगी की मृत्यु का खतरा रहता है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, थकान और खांसी का भी अनुभव होगा।
मलेरिया के लक्षण-
मलेरिया के लक्षणों में शामिल हैं: बुखार, पसीना, शरीर में दर्द, उल्टी, सिरदर्द, थकान, पेट में दर्द, दस्त, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, मल में खून।
मलेरिया संक्रमण होने पर गलती से न करें 'इन' चीजों का सेवन..
मलेरिया के संक्रमण से बुखार होता है, इसलिए ठंडा पानी बिल्कुल न पिएं या ठंडे पानी से न नहाएं। आम, अनार, लीची, अनानास, संतरा या नींबू जैसे फलों का सेवन रोगी को नहीं करना चाहिए। दही, गाजर, मूली जैसे ठंडे खाद्य पदार्थों से परहेज करें। मसालेदार या अम्लीय खाद्य पदार्थ खाने से बचें। बाहर का तला या मसालेदार खाना खाने से बचें।
मलेरिया से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां..
मच्छरों को घर के अंदर या बाहर प्रजनन करने से रोकें। इसके लिए अपने आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें। ठहरे हुए पानी में मच्छर पनपते हैं। इसलिए घर के पास के नालों की सफाई करें। पानी के संचय को रोकने के लिए आसपास के गड्ढों को भरें। घर के बाहर खाली बर्तनों में पानी जमा न होने दें। समय-समय पर घर और बाहर के हर नुक्कड़ पर कीटनाशकों का छिड़काव करें। मानसून के दौरान मच्छरों से बचाव के लिए पूरे शरीर के कपड़े पहनें। यदि कूलर का उपयोग कर रहे हैं, तो उसे साफ करने और दवा का छिड़काव करने का विशेष ध्यान रखें।
मलेरिया संक्रमण होने पर क्या खाना चाहिए?
मलेरिया के रोगी को सेब खाना चाहिए। खिचड़ी, साबूदाना पौष्टिक और पचने में आसान भोजन है। इसका सेवन करना फायदेमंद होता है। अगर आपको बुखार के कारण मुंह में बुरा स्वाद आता है तो आप एक नींबू को काटकर उसमें काली मिर्च पाउडर या सेंधा नमक मिलाकर चूस सकते हैं। मलेरिया ज्वर में अमरूद खाने से रोगी को लाभ होता है। तुलसी के पत्तों के साथ काली मिर्च डालें और इस पानी को उबाल लें। अब इसे छान कर पी लें। आपको इससे फायदा होगा।
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