Published By:धर्म पुराण डेस्क

मंडला पवित्र नगर

 मंडला शहर के तीनों ओर से नर्मदा का प्रवाह होता है जो इसकी पवित्रता में वृद्धि करता है। मंडला के पूर्वी भाग, दक्षिणी भाग तथा पश्चिमी भाग में प्रवाहित नर्मदा कुण्डलाकार स्वरूप में प्रवाहित होती है मंडला में ही बंजर का संगम नर्मदा में होता है तथा नर्मदा पश्चिम की ओर मुड़ जाती है जिससे भूमि कुण्डलकार बन गई है। इसी भूमि पर मण्डला का किला स्थित है। मंडला तट पर अनेक धार्मिक मंदिर है। मंडला में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है। मंडला क्षेत्र के पालासुन्दर नामक स्थल से दाहिनावर्ती शंखों के अवशेष जीवाश्म रूप में प्राप्त हुए हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि करोड़ों वर्ष पूर्व यहां तक समुद्र अवस्थित था। मंडला से बिलासपुर जाने वाले मार्ग पर लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर मुख्य मार्ग 2-3 किलोमीटर दूरी पर सीता रपटन नामक धार्मिक पर्यटन स्थल यहां किंवदंती है कि राम-सीता अपने वनवासकाल में यहां आए थे। यहां वस्तुतः विशाल चट्टानें हैं, जो रपटीली (फिसलन) है तथा इनके ऊपर कुछ बड़े उत्कीर्णन किए गए हैं, जो स्पष्ट आकृतियां नहीं हैं इन पर शोध जारी है। मंडला नगर को राज्य के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के द्वारा 21 फरवरी 2008 को जारी अधिसूचना में पवित्र नगर घोषित किया गया।

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