 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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1. शिव - कल्याण स्वरूप
2. महेश्वर - माया के अधीश्वर
3. शम्भू - आनंद स्स्वरूप वाले
4. पिनाकी - पिनाक धनुष धारण करने वाले
5. शशिशेखर - सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
6. वामदेव - अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
7. विरूपाक्ष - भौंडी आँख वाले
8. कपर्दी - जटाजूट धारण करने वाले
9. नीललोहित - नीले और लाल रंग वाले
10. शंकर - सबका कल्याण करने वाले
11. शूलपाणी - हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
12. खटवांगी - खटिया का एक पाया रखने वाले
13. विष्णुवल्लभ - भगवान विष्णुके अतिप्रेमी
14. शिपिविष्ट - सितुहा में प्रवेश करने वाले
15. अंबिकानाथ - भगवति के पति
16. श्रीकण्ठ - सुंदर कण्ठ वाले
17. भक्तवत्सल - भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
18. भव - संसार के रूप में प्रकट होने वाले
19. शर्व - कष्टों को नष्ट करने वाले
20. त्रिलोकेश - तीनों लोकों के स्वामी
21. शितिकण्ठ - सफेद कंठ वाले
22. शिवाप्रिय - पार्वती के प्रिय
23. उग्र - अत्यंत उग्र रूप वाले
24. कपाली - कपाल धारण करने वाले
25. कामारी - कामदेव के शत्रु
26. अंधकार सुर सूदन - अंधक दैत्य को मारने वाले
27. गंगाधर - गंगा जी को धारण करने वाले
28. ललाटाक्ष - ललाट में आंख वाले
29. काल काल - काल के भी काल
30. कृपानिधि - करुणा की खान
31. भीम - भयंकर रूप वाले
32. परशुहस्त - हाथ में फरसा धारण करने वाले
33. मृगपाणी - हाथ में हिरण धारण करने वाले
34. जटाधारी - जटा रखने वाले
35. कैलाश वासी - कैलाश के निवासी
36. कवची - कवच धारण करने वाले
37. कठोर - अत्यंत मजबूत देह वाले
38. त्रिपुरांतक - त्रिपुरासुर को मारने वाले
39. वृषांक - बैल के चिह्न वाली झंडा वाले
40. वृषभ रूढ़ - बैल की सवारी वाले
41. भस्मोद्धूलितविग्रह - सारे शरीर में भस्म लगाने वाले
42. सामप्रिय - सामगान से प्रेम करने वाले
43. स्वरमयी - सातों स्वरों में निवास करने वाले
44. त्रयीमूर्ति - वेद रूपी विग्रह करने वाले
45. अनीश्वर - जिसका और कोई मालिक नहीं है
46. सर्वज्ञ - सब कुछ जानने वाले
47. परमात्मा - सबका अपना आपा
48. सोमसूर्याग्निलोचन - चंद्र,सूर्य और अग्नि रूपी आँख वाले
49. हवि - आहुति रूपी द्रव्य वाले
50. यज्ञमय - यज्ञ स्वरूप वाले
51. सोम - उमा के सहित रूप वाले
52. पंचवक्त्र - पांच मुख वाले
53. सदाशिव - नित्य कल्याण रूप वाले
54. विश्वेश्वर - सारे विश्व के ईश्वर
55. वीरभद्र - बहादुर होते हुए भी शांत रूप वाले
56. गणनाथ - गणों के स्वामी
57. प्रजापति - प्रजाओं का पालन करने वाले
58. हिरण्यरेता - स्वर्ण तेज वाले
59. दुर्धुर्ष - किसी से नहीं दबने वाले
60. गिरीश - पहाड़ों के मालिक
61. गिरीश - कैलाश पर्वत पर सोने वाले
62. अनघ - पापरहित
63. भुजंगभूषण - साँप के आभूषण वाले
64. भर्ग - पापों को भूंज देने वाले
65. गिरिधन्वा - मेरु पर्वत को धनुष बनाने वाले
66. गिरिप्रिय - पर्वत प्रेमी
67. कृत्तिवासा - गजचर्म पहनने वाले
68. पुराराति - पुरों का नाश करने वाले
69. भगवान - सर्वसमर्थ षड् ऐश्वर्य संपन्न
70. प्रमथाधिप - प्रमथ गणों के अधिपति
71. मृत्युंजय - मृत्यु को जीतने वाले
72. सूक्ष्मतनु - सूक्ष्म शरीर वाले
73. जगद्व्यापी - जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले
74. जगद्गुरु - जगत के गुरु
75. व्योमकेश - आकाश रूपी बाल वाले
76. महासेन जनक - कार्तिकेय के पिता
77. चारु विक्रम - सुन्दर पराक्रम वाले
78. रूद्र - भक्तों के दुख देखकर रोने वाले
79. भूतपति - भूत प्रेत या पंचभूतों के स्वामी
80. स्थाणु - स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
81. अहिर्बुध्न्य - कुण्डलिनी को धारण करने वाले
82. दिगम्बर - नग्न, आकाश रूपी वस्त्र वाले
83. अष्टमूर्ति - आठ रूप वाले
84. अनेकात्मा - अनेक रूप धारण करने वाले
85. सात्विक - सत्व गुण वाले
86. शुद्ध विग्रह - शुद्ध मूर्ति वाले
87. शाश्वत - नित्य रहने वाले
88. खण्डपरशु - टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
89. अज - जन्म रहित
90. पाशविमोचन - बंधन से छुड़ाने वाले
91. मृड - सुखस्वरूप वाले
92. पशुपति - पशुओं के मालिक
93. देव - स्वयं प्रकाश रूप
94. महादेव - देवों के भी देव
95. अव्यय - खर्च होने पर भी न घटने वाले
96. हरि - विष्णु स्वरूप
97. पूषदन्तभित् - पूषा के दांत उखाड़ने वाले
98. अव्यग्र - कभी भी व्यथित न होने वाले
99. दक्षाध्वरहर - दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
100. हर - पापों व तापों को हरने वाले
101. भगनेत्रभिद् - भग देवता की आंख फोड़ने वाले
102. अव्यक्त - इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
103. सहस्राक्ष - अनंत आँख वाले
104. सहस्रपाद - अनंत पैर वाले
105. अपवर्ग प्रद - कैवल्य मोक्ष देने वाले
106. अनंत - देशकाल वस्तु रूपी परिच्छेद से रहित
107. तारक - सबको तारने वाला
108. परमेश्वर - सबसे परे ईश्वर
 
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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