Published By:धर्म पुराण डेस्क

माया सभ्यता और हिन्दू (सनातन)धर्म…

इस सभ्यता में खगोल शास्त्र, गणित और कालचक्र को काफी महत्व दिया जाता था। मैक्सिको इस सभ्यता का गढ़ था। आज भी यहां इस सभ्यता के अनुयायी रहते हैं..!

यूं तो इस इलाके में ईसा से 10 हजार साल पहले से बनावट शुरू होने के प्रमाण मिले हैं और 1800 साल ईसा पूर्व से प्रशांत महासागर के तटीय इलाकों में गांव भी बसने शुरू हो चुके थे।

लेकिन कुछ पुरातत्ववेत्ताओं का मानना है कि इससे कोई एक हजार साल पहले माया सभ्यता के लोगों ने आनुष्ठानिक इमारत बनाना शुरू कर दिया था और 600 साल ईसा पूर्व तक बहुत से परिसर बना लिए थे। सन् 250 से 900 के बीच विश्व स्तर पर भवन निर्माण कार्य हुआ, शहर बसे।

उनकी सबसे उल्लेखनीय इमारतें पिरामिड हैं, जो उन्होंने धार्मिक केंद्रों में बनाई लेकिन फिर से 900 के बाद माया सभ्यता के इन नंबरों का ह्रास होने लगा और नगर खाली हो गए।

माया सभ्यता का पंचांग 3114 ईसा पूर्व शुरू किया गया था। इस कैलेंडर में हर 394 वर्ष के बाद ताकत नाम के एक काल का अंत होता है।

21 दिसंबर, 2012 को उस कैलेंडर का 13वां ताकत खत्म हो गया। हालांकि माया सभ्यता के बारे में कहा जाता है कि यह भी सिन्धु घाटी और मिस्र की सभ्यताओं की तरह सबसे रहस्यमयी सभ्यता है, जो अपने भीतर कई अनसुलझे रहस्य समेटे हुए है।

अमेरिकन इतिहासकार मानते हैं कि भारतीय आर्यों ने ही अमेरिका महाद्वीप पर सबसे पहले बस्तियां बनाई थी। अमेरिका के रेड इंडियन कहां के आदि निवासी माने जाते हैं और हिन्दू (सनातन)संस्कृति वहां पर आज से हजारों साल पहले पहुंच गई थी। माना जाता है कि यह बसाहट महाभारत काल में हुई थी।

चिली, पेरू और बोलीविया में हिन्दू (सनातन)धर्म : अमेरिका महाद्वीप के बोलीविया (वर्तमान में पेरू और चिली) में हिन्दुओं (सेनानियों)ने प्राचीन काल में अपनी बस्तियां बनाई और कृषि का भी विकास किया।

यहां के प्राचीन मंदिरों के द्वार पर विरोचन, सूर्य द्वार, चन्द्र द्वार, नाग आदि सब कुछ हिन्दू (सनातन)धर्म समान है। संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक सेना ने नेगेटिव अमेरिका की एक 45वीं मिलिट्री इन्फैंट्री डिवीजन का चिह्न एक पीले रंग का स्वास्तिक था। नाजियों की घटना के बाद इसे हटाकर उन्हें गरुड़ का चिन्ह अपनाया।

 

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