Published By:धर्म पुराण डेस्क

चमत्कारी तंत्र वनस्पति गुंजा: रहस्य, प्रयोग और लाभ

आज हम चर्चा करेंगे "चमत्कारी तंत्र वनस्पति गुंजा" के बारे में। गुंजा, जिसे घुंघुची, रत्ती आदि नामों से भी जाना जाता है, एक अद्भुत वनस्पति है। यह तंत्र शास्त्र और आयुर्वेद में समान रूप से महत्वपूर्ण है।

गुंजा की तीन प्रजातियां:

रक्त गुंजा: लाल, काले और मिश्रित रंगों में उपलब्ध। मुख्य रूप से तंत्र में प्रयोग होती है।

श्वेत गुंजा: सफेद रंग की, लालिमा युक्त भी मिलती है। आयुर्वेद और तंत्र दोनों में प्रयोग होती है।

काली गुंजा: दुर्लभ, मुख्य रूप से तंत्र में प्रयोग होती है।

गुंजा के कुछ प्रयोग-

सम्मान प्रदायक:

गुंजा की जड़ को चंदन की तरह घिसकर माथे पर लगाएं। यह प्रयोग सम्मान, प्रतिष्ठा और प्रभाव में वृद्धि करता है।

कारोबार में बरकत:

तांबे का सिक्का, 6 लालगुंजा लाल कपड़े में बांधकर 11 बुधवार, 11 इंच गहरा गड्ढा खोदकर दबाएं। यह प्रयोग कारोबार में बरकत, धन और समृद्धि लाता है।

ज्ञान-बुद्धि वर्धक:

गुंजा-मूल को बकरी के दूध में घिसकर हथेलियों पर लेप करें। यह प्रयोग बुद्धि, स्मरण शक्ति, एकाग्रता और धारणा में वृद्धि करता है।

वर-वधू के लिए:

विवाह के समय लालगुंजा वर के कंगन में पिरोकर पहनायी जाती है। यह प्रयोग वर की सुरक्षा, समृद्धि, नजर-दोष निवारण और सुखद दांपत्य जीवन के लिए किया जाता है।

पुत्रदाता:

शुभ मुहूर्त में श्वेत गुंजा की जड़ लाकर दूध से धोकर, सफेद चन्दन पुष्प से पूजा करके सफेद धागे में पिरोकर। “ऐं क्षं यं दं” मंत्र के ग्यारह हजार जाप करके स्त्री या पुरुष धारण करे तो संतान सुख की प्राप्ति होती है।

वशीकरण:

अभिमंत्रित गुंजा के 5 दाने शहद में डुबोकर रखें। यह प्रयोग शत्रुओं को वशीभूत करने, प्रेम प्राप्त करने और मनचाही इच्छाओं को पूरा करने के लिए किया जाता है।

विद्वेषण-

लाल गुंजा- रवि या मंगलवार के दिन दुष्ट व्यक्ति के घर में फेंकें। यह प्रयोग कलह, विद्वेष और अशांति उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।

विष-निवारण:

गुंजा की जड़ को पानी में घिसकर पिलाने से विष-प्रभाव दूर होता है।

दिव्य दृष्टि:

गुंजा-मूल को शहद में घिसकर आंखों में अंजन की तरह लगाने से अलौकिक शक्तियों के दर्शन होते हैं।

शत्रु में भय उत्पन्न:

गुंजा-मूल को स्त्री के मासिक स्राव में घिसकर आंखों में लगाने से शत्रु भयभीत हो जाते हैं।

शत्रु दमन:

गुंजा-मूल को तिल के तेल में घिसकर शरीर पर मलने से शत्रु परास्त होते हैं।

रोग - बाधा:

कुष्ठ रोग के घावों पर गुंजा-मूल और अलसी के तेल का लेप लगाने से रोग दूर होता है।

अंधापन दूर करने के लिए गुंजा-मूल और गंगाजल का लेप आंखों में लगाएं।

धर्म जगत

SEE MORE...........