समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+5:30)
देश- भारत
राज्य- राजस्थान
जिला- सिरोही
क्षेत्रफल- ऊँचाई (AMSL), 1,200 मीटर (3,937 फी॰)
माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र पहाड़ी नगर है। सिरोही जिले में स्थित नीलगिरि की पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटी पर बसे माउंट आबू की भौगोलिक स्थिति और वातावरण राजस्थान के अन्य शहरों से भिन्न व मनोरम है। यह स्थान राज्य के अन्य हिस्सों की तरह गर्म नहीं है।
माउंट आबू हिन्दू और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां का ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर खींचती है। माउंट आबू पहले चौहान साम्राज्य का हिस्सा था। बाद में सिरोही के महाराजा ने माउंट आबू को राजपूताना मुख्यालय के लिए अंग्रेजों को पट्टे पर दे दिया। ब्रिटिश शासन के दौरान माउंट आबू मैदानी इलाकों की गर्मियों से बचने के लिए अंग्रेजों का पसंदीदा स्थान था।
इतिहास-
माउंट आबू प्राचीन काल से ही साधु संतों का निवास स्थान रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दू धर्म के तैंतीस करोड़ देवी देवता इस पवित्र पर्वत पर भ्रमण करते हैं।
कहा जाता है कि महान संत वशिष्ठ ने पृथ्वी से असुरों के विनाश के लिए यहां यज्ञ का आयोजन किया था। जैन धर्म के चौबीसवें र्तीथकर भगवान महावीर भी यहां आए थे। उसके बाद से माउंट आबू जैन अनुयायियों के लिए एक पवित्र और पूजनीय तीर्थ स्थल बना हुआ है।
[1]. एक कहावत के अनुसार आबू नाम हिमालय के पुत्र आरबुआदा के नाम पर पड़ा था। आरबुआदा एक शक्तिशाली सर्प था, जिसने एक गहरी खाई में भगवान शिव के पवित्र वाहन नंदी बैल की जान बचाई थी।
[2]. दर्शनीय स्थल-
माउंट आबू में सूर्यास्त-
प्राकृतिक सुषमा और विभोर करने वाली वनस्थली का पर्वतीय स्थल 'आबू पर्वत' ग्रीष्मकालीन पर्वतीय आवास स्थल और पश्चिमी भारत का प्रमुख पर्यटन केंद्र रहा है। यह स्वास्थ्यवर्धक जलवायु के साथ एक परिपूर्ण पौराणिक परिवेश भी है। यहाँ वास्तुकला का हस्ताक्षरित कलात्मकता भी दृष्टव्य है।
[3]. आबू का आकर्षण है कि आए दिन मेला, हर समय सैलानियों की हलचल चाहे शरद हो या ग्रीष्म। दिलवाड़ा मंदिर यहाँ के प्रमुख आकर्षण है। माउंट आबू से 15 किमी.दूर गुरु शिखर पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था।
यह शानदार मंदिर जैन धर्म के र्तीथकरों को समर्पित हैं। दिलवाड़ा के मंदिर और मूर्तियाँ भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। दिलवाड़ा के मंदिरों से 8 किमी. उत्तर पूर्व में अचलगढ़ किला व मंदिर तथा 15 किमी.दूर अरावली पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊँची चोटी गुरु शिखर स्थित हैं। इसके अतिरिक्त माउंट आबू में नक्की झील, गोमुख मंदिर, माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य आदि भी दर्शनीय हैं।
आवागमन- माउंट आबू से निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर यहां से 184 किमी. दूर है। उदयपुर से माउंट आबू पहुँचने के लिए बस या टैक्सी की सेवाएँ ली जा सकती हैं। समीपस्थ रेलवे स्टेशन आबू रोड 28 किमी. की दूरी पर है जो अहमदाबाद, दिल्ली, जयपुर और जोधपुर से जुड़ा है।
माउंट आबू देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा भी जुड़ा है। दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डे से माउंट आबू के लिए सीधी बस सेवा है। राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें दिल्ली के अलावा अनेक शहरों से माउंट आबू के लिए अपनी सेवाएं उपलब्ध कराती हैं।
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