Published By:धर्म पुराण डेस्क

Navratri 2023 Day 5: देवी स्कंदमाता की कृपा से मिलेगा ये लाभ, जानें पूजा मंत्र

Navratri 2023 Day 5: शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन देवी स्कंदमाता को समर्पित है. स्कंदमाता से शिक्षा प्राप्त करके ही कार्तिकेय ने तारकासुर का अंत किया था. नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा के नव रूपों को समर्पित है. इन दिनों मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. 

शास्त्रों के अनुसार, मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना से संतान सुख मिलता है. मां स्कंदमाता का ध्यान करने से भक्तों को ध्यान, और धार्मिक उन्नति का अनुभव होता है.

स्कंद का अर्थ होता है ज्ञान को व्यवहार में लाते हुए कर्म करना. स्कंदमाता ऊर्जा का वो रूप है जिसकी उपासना से ज्ञान को व्यवहारिकता में लाकर पवित्र कर्म का आधार बनाया जा सकता है. शास्त्रों में बताया गया है कि इस तरह ये इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति और क्रिया शक्ति का समागम है. शिव तत्व का मिलन जब त्रिशक्ति के साथ होता है तो स्कंद ‘कार्तिकेय’ का जन्म होता है.

साथ ही मां स्कंदमाता अपने भक्तों पर पुत्र के समान ही स्नेह लुटाती हैं. मां का स्मरण करने से ही असंभव कार्य संभव हो जाते हैं. मां स्कंदमाता की कृपा से संतान सुख मिलता है. स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान हैं, जिसके कारण उन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है. 

धर्म शास्त्रों में मां स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं. मां स्कंदमाता को पार्वती एवं उमा नाम से भी जाना जाता है.

मां स्कंदमाता को सुबह पूजा-पाठ के समय केले का भोग अति प्रिय है. मां को आप खीर का प्रसाद भी अर्पित कर सकते हैं. इसके अलावा सफेद रंग भी माता को अति पसंद है. ये रंग शांति का माना जाता है. इसलिए मां को प्रसन्न करने के लिए सफेद रंग के कपड़े पहने और विधिवत पूजा करें. सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनकर मां का ध्यान करें. मां के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं. सच्चे भाव से मां की पूजा करें और आरती उतारें. कथा पढ़ने के बाद और आखिरी में मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें. 

मां स्कंदमाता का मंत्र-

या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

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