Published By:धर्म पुराण डेस्क

सुंदरता ही नहीं व्यक्तित्व की कसौटी, व्यवहार भी बड़ा फेक्टर 

शिष्टाचार के तौर-तरीके-

आज हम उन गुणों की चर्चा करेंगे, जिनके कारण लोग हमारे प्रति अच्छी धारणा रखें। इन्हीं गुणों को शिष्टाचार कहते हैं। शिष्टाचार सम्बन्धी कुछ बातों पर हम चर्चा करेंगे, जिनका पालन करने से हमारे व्यवसाय पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। 

* किसी से भी मिलने पर सबसे पहले उनका अभिवादन करने के बाद उनकी कुशलता या खैरियत के बारे में अवश्य पूछें। इससे अपनापन झलकता है।

* सभी से सहज होकर मिलना चाहिए। मिलते समय चेहरे पर प्रसन्नता व मुस्कान दिखनी चाहिए। किसी की भी बुराई या आलोचना नहीं करना चाहिए। हो सके तो प्रशंसा के दो शब्द अवश्य करें। ग्राहकों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए।

* दूसरों से तुलना नहीं करना चाहिए। सबके बारे में अच्छा बोलो। इससे हमारा मन भी प्रसन्न रहेगा।

* किसी से मिलते समय हमें हमारे हाव भाव व शालीनता का पूरा ध्यान रखना चाहिए। आँखें मटकाकर, हाथ-पैर या पूरे शरीर को नचाते हुए बातचीत न करें।

* बात करते समय या खाते समय मुँह से जूठन या थूक न उड़े यह ध्यान रखना चाहिए।

* किसी से मिलने पर केवल अपने ही दु:ख-सुख या अपनी प्रशंसा की बातें करना शुरू न कर दें।

* सभी से विनम्र, शालीन व सौम्य व्यवहार करें।
 

धर्म जगत

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