Published By:धर्म पुराण डेस्क

इस एक छोटे से उपाय से बुढ़ापा रहेगा दूर

शहद युक्त आहार लें-

वैज्ञानिकों के मुताबिक जो लोग अपने आहार में शहद का इस्तेमाल करते हैं, वे अवसाद और तनाव की गिरफ्त से बच सकते हैं। इससे उन्हें अपनी स्मरण शक्ति बढ़ाने और बुढ़ापे से लड़ने में मदद मिलती है।

डॉक्टर ओपी वर्मा के अनुसार मधु मक्खियों द्वारा उत्पादित मीठा पीला द्रव्य होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि शहद में कुछ खास तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। 

प्राचीन काल से ही पूरी दुनिया में शहद का इस्तेमाल प्राकृतिक खाद्य, सौन्दर्य प्रसाधक और औषधि के रूप में होता रहा है। शहद का इस्तेमाल एंटीसेप्टिक के रूप में भी किया जाता रहा है। यह अल्सर, जले के इलाज और जख्म के इलाज में काम आता है। इसमें कुछ खास तरह के ऐसे सूक्ष्म रसायन पाए जाते हैं जो इंसान को कुछ खास तरह के कैंसर और बुखार से जूझने में मदद दे सकते हैं। 

न्यूजीलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ बाइकाटो के शोधकर्ताओं ने चूहों पर शहद के इस्तेमाल का निष्कर्ष निकाला है।

शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि चूहों को शहद खिलाया गया, उनकी न सिर्फ स्मरण शक्ति बढ़ गई, बल्कि उनमें कोशिकाओं के क्षरण की दर भी कम हो गई। इन चूहों की प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा की पुष्टि हुई है। 

शोधकर्ताओं ने चूहों को 10 फीसदी शहद आहार पर रखा। साथ ही उन्हें पूरे सालभर के रूप में 8 फीसदी सुक्रोज दिया गया। उन्हें चीनी से बिल्कुल दूर रखा गया। जब यह परीक्षण शुरु हुआ था, चूहे महज 2 महीने के थे। हर तीसरे महीने पर चूहों की स्मरण शक्ति और प्रतिरोधक क्षमता का आकलन किया गया। 

शोधकर्ता निकोला स्टारकी ने इस शोध रिपोर्ट में कहा कि शहद से युक्त आहार न सिर्फ तनाव दूर करता है बल्कि बूढ़ा होने की दर को भी अंकुश लगाता है।



 

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