Published By:धर्म पुराण डेस्क

महादेव पर बेलपत्र अर्पित करते समय कभी न करना चाहिए ये गलती..! जानिए विधि विधान 

फाल्गुन मास में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान महादेव और देवी पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। 

मान्यता है कि बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। बिना बेलपत्र के भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए महाशिवरात्रि पर बेलपत्र से पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है। 

हालांकि भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाते समय कुछ नियमों का पालन करना भी आवश्यक बताया गया है। कहा जाता है ऐसा न किये जाने पर भगवान शिव नाराज हो जाते हैं। 

आइए जानते हैं बेलपत्र चढ़ाने के विधि विधान और उसके लाभ.. 

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के फायदे-

1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से व्यक्ति को दरिद्रता से मुक्ति मिलती है।  

2. कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा के दौरान जो महिलाएं शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाती हैं उन्हें अनंत सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 

3. अपनी किसी भी मनोकामना को पूरा करने के लिए बेलपत्र पर चंदन से राम या ॐ नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है। 

4. शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है. इससे सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। 

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय इन बातों का रखें ध्यान-

1. अगर आप भगवान शिव को तीन मुखी बेलपत्र चढ़ाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उस पर किसी भी तरह का दाग न लगे. 

2. शिवलिंग पर ऐसा कोई भी बेलपत्र न चढ़ाएं जो फटा हुआ हो.

3.  शिवलिंग पर सूखे बेलपत्र भूलकर भी न चढ़ाये.


 

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