Published By:धर्म पुराण डेस्क

पैनिक डिसऑर्डर: दहशत की बढ़ती समस्या

पैनिक डिसऑर्डर एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति दहशत के अचानक और अनियंत्रित दौरों का सामना करता है। इसका मतलब है कि बिना किसी पूर्व सूचना के, व्यक्ति को अचानक अधिक डर, चिंता, और घबराहट महसूस होती है।

पैनिक डिसऑर्डर के लक्षण में शामिल हो सकते हैं:

* अचानक बढ़ती हुई हृदय की धड़कन।

* साँस लेने में कठिनाई और घातकता का अहसास।

* सीने में तेज दर्द या भारीपन की भावना।

* चक्कर आना या बेहोशी की भावना।

* मौत का डर या मौके पर मर जाने का भय।

* विश्वास खोने की भावना, अलगाव, या विचलन।

* व्यक्ति अकेला महसूस करता है, और इसे बढ़ती डर और चिंता की अवस्था में महसूस करता है।

पैनिक डिसऑर्डर के दौर का सामान्यत: यदि आप या कोई जानने वाला किसी तरीके से पैनिक डिसऑर्डर के दौर का सामना कर रहा है, तो सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। इसका उपचार द्वारा जीवन की गुणवत्ता को सुधारा जा सकता है और दहशत के दौरों को कम किया जा सकता है। चिकित्सक से सलाह लेना और सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण होता है, और योग और मानसिक स्वास्थ्य के तरीकों का अध्ययन करके इस समस्या का सामना किया जा सकता है।

पैनिक डिसऑर्डर के दौर का सामान्यत उपचार और मानसिक स्वास्थ्य के साधना में सहायक होने वाले तरीके हो सकते हैं, जैसे कि माइंडफुलनेस और ध्यान।

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