Published By:धर्म पुराण डेस्क

पापांकुशा एकादशी 2023: जानिए महत्व, कथा और पूजा विधि

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है. इस साल यह एकादशी 25 अक्टूबर 2023 को है. पापांकुशा एकादशी का व्रत व्यक्ति को जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्ति दिलाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे यमलोक के दुख नहीं भोगने पड़ते हैं.

पापांकुशा एकादशी का महत्व

पापांकुशा एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को अनेकों अश्वमेघ और सूर्य यज्ञ करने के समान फल प्राप्त होता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो मनुष्य कठिन तपस्याओं करने के बाद फल प्राप्त करते हैं, वही फल इस एकादशी पर व्रत रखकर श्रीविष्णु जी को नमस्कार करने से ही मिल जाते हैं.

पापांकुशा एकादशी की कथा

पापांकुशा एकादशी की कथा बहुत ही प्रेरणादायक है. एक समय विध्‍यांचल पर्वत पर क्रोधना नाम का एक बहुत ही क्रूर शिकारी रहता था. उसने अपनी पूरी जिंदगी गलत कामों में जैसे कि हिंसा,लूट-पाट, मद्यपान और झूठे भाषणों में व्यतीत कर दी. कई गलत कर्म और बेजुबान जीवों को मारकर वह पाप का भागी बन चुका था. जब उसका अंतिम समय आया तो मृत्यु के डर से वह सहमा हुआ अंगिरा ऋषि के पास पहुंचा. क्रोधना ने महर्षि से बोला कि उसने जीवन में अनेक पाप किए हैं जिससे मृत्यु के बाद उसे निश्चित ही नर्क मिलेगा. भयभीत क्रोधना ने ऋषि से इन पापों का पार्यश्चित करने का उपाय जाना.

एकादशी व्रत से गंभीर पाप धुल गए

अंगिरा ऋषि को उस पर दया आ गई और उन्होंने उसे पापांकुशा एकादशी के महत्व के बारे में बताया और इस व्रत को रखने की बात कही. ऋषि के कहे अनुसार उसने व्रत रखकर विधि विधान से श्रीहरि की आराधना की. व्रत के प्रभाव से उसे समस्त पाप कर्म से छुटकारा मिल गया और उसे बैकुंठ लोक में स्थान मिला. एकादशी के दिन प्रभु का स्मरण-कीर्तन सभी क्लेशों व पापों का शमन होता है, उसे 100 राजसूय यज्ञ करने के समान फल मिलता है.

पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि

पापांकुशा एकादशी के दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि से पवित्र होकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजा में भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी जी, गणेश जी और तुलसी जी की भी पूजा करें. व्रत के दिन निराहार रहें और केवल फलों, दूध और दही का सेवन करें. रात्रि में भगवान विष्णु की कथा सुनें या पढ़ें. अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से पवित्र होकर भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजा के बाद व्रत का पारण करें.

पापांकुशा एकादशी का पारण

पापांकुशा एकादशी का पारण 26 अक्टूबर 2023 को प्रातः 6:28 से 8:43 बजे के बीच करना चाहिए. पारण के समय फल, दूध, दही और पंचामृत का सेवन करें.

पापांकुशा एकादशी के उपाय

पापांकुशा एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को अनेकों अश्वमेघ और सूर्य यज्ञ करने के समान फल प्राप्त होता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो मनुष्य कठिन तपस्याओं करने के बाद फल प्राप्त करते हैं, वही फल इस एकादशी पर व्रत रखकर श्रीविष्णु जी को नमस्कार करने से ही मिल जाते हैं.

पापांकुशा एकादशी के दिन व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

पापांकुशा एकादशी के उपाय निम्नलिखित हैं:

* व्रत का संकल्प:- पापांकुशा एकादशी के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान आदि से पवित्र होकर व्रत का संकल्प लें. संकल्प में मन में यह ठान लें कि आप इस दिन व्रत रखेंगे और भगवान विष्णु की पूजा करेंगे.

* भगवान विष्णु की पूजा:- पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें. पूजा में भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी जी, गणेश जी और तुलसी जी की भी पूजा करें.

* निराहार रहें:- पापांकुशा एकादशी के दिन व्रत रखने का नियम है. इस दिन व्रती को निराहार रहना चाहिए. केवल फलों, दूध और दही का सेवन कर सकते हैं.

* रात्रि में भगवान विष्णु की कथा सुनें या पढ़ें:- पापांकुशा एकादशी के दिन रात्रि में भगवान विष्णु की कथा सुनें या पढ़ें. इससे आपको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.

* पारण:- पापांकुशा एकादशी के अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से पवित्र होकर भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजा के बाद व्रत का पारण करें.

पापांकुशा एकादशी के दिन निम्नलिखित उपाय करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है:

* ब्रह्म मुहूर्त में उठें:- पापांकुशा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से पवित्र होकर भगवान विष्णु की पूजा करें. इससे आपको भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

* व्रत का पूर्ण रूप से पालन करें:- पापांकुशा एकादशी का व्रत पूर्ण रूप से पालन करने से व्यक्ति को अधिक लाभ प्राप्त होता है.

* दान करें:- पापांकुशा एकादशी के दिन दान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र, फल और पैसे आदि का दान करें.

* भगवान विष्णु का ध्यान करें:- पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का ध्यान करने से व्यक्ति को शांति और सुख की प्राप्ति होती है.

पापांकुशा एकादशी का व्रत सभी मनुष्यों के लिए अत्यंत लाभकारी है. इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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