Published By:धर्म पुराण डेस्क

पशुपतिनाथ मंदिर: कला, संस्कृति और आस्था का अद्भुत संगम

मंदसौर का मुख्य आकर्षण, पशुपतिनाथ मंदिर, भगवान शिव को समर्पित एक भव्य और ऐतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर अपनी अद्वितीय कला, संस्कृति और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

मंदिर का इतिहास:

पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास 1000 वर्षों से भी अधिक पुराना है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा भोज द्वारा 11वीं शताब्दी में करवाया गया था।

मंदिर की वास्तुकला:

पशुपतिनाथ मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान पशुपतिनाथ का अष्टमुखी शिवलिंग स्थापित है। शिवलिंग काले पत्थर से बना है और इसकी ऊंचाई लगभग 11 फीट है।

मंदिर की विशेषताएं:

मंदिर के चारों ओर चार द्वार हैं, लेकिन मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में स्थित है।

मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग अष्टमुखी है, यानी इसके आठ मुख हैं।

मंदिर के परिसर में कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं, जिनमें गणेश, पार्वती, नंदी और हनुमान शामिल हैं।

मंदिर के सामने एक विशाल नंदी बैल की मूर्ति स्थापित है।

मंदिर परिसर में कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

मंदिर का महत्व:

पशुपतिनाथ मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और आस्था व्यक्त करने के लिए लाखों श्रद्धालु हर साल इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं।

मंदिर तक कैसे पहुंचे:

मंदसौर में कोई हवाई अड्डा नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर और इंदौर में हैं।

मंदसौर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है।

मंदसौर बस स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है।

पशुपतिनाथ मंदिर कला, संस्कृति और आस्था का अद्भुत संगम है।

यदि आप मंदसौर घूमने जा रहे हैं, तो पशुपतिनाथ मंदिर का दर्शन अवश्य करें।

यह भी ध्यान दें:

मंदिर में प्रवेश करते समय, उचित वेशभूषा पहने और मंदिर के नियमों का पालन करें।

मंदिर में दर्शन के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है।

मंदिर परिसर में कई दुकानें हैं जहाँ आप धार्मिक सामग्री और स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं।

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