सामान्य रूप से थकान होने का स्पष्ट संकेत यह होता है कि अब शरीर को आराम चाहिये। यह अवस्था किसी बीमारी के होने के बाद वाली स्थिति नहीं है।
आजकल कम समय में अधिक धन कमा लेने की लालसा व्यक्ति में बहुत अधिक बढ़ गई है। भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये भी अधिक धन चाहिये होता है। इस बात को समझ लेना आवश्यक है कि व्यक्ति का शरीर ठीक प्रकार से आठ घंटे कार्य कर सकता है। इसके बाद थकान का असर होने लगता है।
युवा एवं तंदुरुस्त व्यक्तियों को थकान का असर कम होता है और वृद्ध तथा अशक्त तथा अस्वस्थ लोगों पर इसका अधिक प्रभाव पड़ता है। शरीर मूक भाषा में अपनी थकान के बारे में मस्तिष्क द्वारा सन्देश भेजता है। अक्सर इन संकेतों की अनदेखी करने का प्रयास किया जाता है।
मस्तिष्क के संकेत ठीक प्रकार से नहीं पहुंचे, इसके लिये व्यक्ति उसे सुन्न कर देने के लिये कई प्रकार के नशों का प्रयोग करता है। इसमें धूम्रपान, तम्बाकू गुटखा सेवन, मद्यपान के अलावा चरस, गांजा, हशीश तक का प्रयोग करने लगता है। इससे शरीर थकान का अनुभव किये बिना दस से चौदह घंटे कार्य करता रहता है लेकिन भीतर ही भीतर टूटने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है जो आगे चल कर अत्यन्त घातक प्रभाव उत्पन्न करती है।
इसके बाद अनेक प्रकार के रोगों का उद्भव होना प्रारंभ हो जाता है। जो व्यक्ति युवावस्था में इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं, उनका बुढ़ापा काफी कष्ट से बीतता है। इसलिये जब कभी शरीर थकता हुआ लगे तो इस बारे में तुरन्त गंभीर हो जाना चाहिये। इसके लिये यह तो नहीं कहा जा सकता है कि व्यक्ति को काम नहीं करना चाहिये, पूरी तरह से आराम पर चले जाना, क्योंकि ऐसा हो पाना सम्भव नहीं है।
ऐसे में यह एक बड़ा सवाल है कि फिर क्या किया जाये कि थकान नहीं हो, इसके लिये अपनी आवश्यकताओं का दायरा सीमित रखें। वैसे तो मन बड़ा चंचल होता है। वह सब कुछ पा लेना चाहता है। इसके लिये कई बार सही रास्ते की भी परवाह नहीं की जाती। व्यक्ति कर्ज आदि लेकर अपनी अनावश्यक आवश्यकताओं को पूरा कर लेता है। उसके बाद उसे चुकाने के लिये अधिक मेहनत करनी पड़ती है। तनाव उत्पन्न होने लगता है। शरीर पर दोहरी मार पड़ने लगती है, वह बुरी तरह थकने लगता है। इससे बचने के लिए यही अच्छा है कि जितनी चादर हो, उतने ही पांव पसारे।
शाम को घर आने के बाद थोड़ा समय अपने परिवार को अवश्य देना चाहिए। बच्चों से, पत्नी से संयुक्त परिवार है तो माता-पिता, भाई-बहनों से खुल कर बोले, हंसे और हंसाए। इससे शरीर शीघ्र ही थकान से मुक्त होने लगता है।
सुबह-शाम अपने आराध्य का ध्यान अवश्य करें। परेशानी के समय ईश्वर व्यक्ति की अत्यन्त मदद करता है। थकान चाहे शारीरिक हो चाहे मानसिक, इसका असर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर अवश्य पड़ता है। इसलिये इन सब बातों का मनन करने तथा अपने जीवन में उतारने का प्रयास किया जाये तो अनेक समस्याओं से बचा जा सकता है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024