नाचते-गाते हार्ट अटैक, जिम में वर्कआउट करते करते समय हार्ट अटैक या फिर चलते चलते ही अचानक सांसे थम जाना। आए दिन ऐसी ख़बरें सामने आ रहीं हैं। इसका कारण मसल्स को खून पहुंचाने वाली आर्टिलरीज़ का ब्लॉक होना है जिससे दिल की नसों तक खून ही नहीं पहुंच पाता। जब आर्टिरीज में ब्लॉक ज्यादा हो जाता है, तो अचानक दिल को होने वाली ब्लड सप्लाई रुक सकती है। जो हार्ट अटैक का कारण बनता है। हार्टअटैक का कारण बनने वाले ब्लॉकेज में पीपल का पत्ता अचूक इलाज माना जाता है।
आइये जानते हैं कैसे करें पीपल के पत्ते का इस्तेमाल-
पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें। पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें।
जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें। इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से ब्लॉकेज में फायदा मिलता है।
पीपल के पत्ते के इस काढ़े की तीन खुराकें दिन भर में ली जा सकती हैं। ध्यान इस बात का रखना है कि खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
साथ ही प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई के सेवन से बचें। सात ही अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि को अपने भोजन में शामिल करें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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