अन्य तांत्रिक टोटके-
चन्द्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के दिन स्नान करने के पश्चात् पूर्व दिशा की ओर उगे हुये सरपंखा या लोध पौधे की जड़ लाकर उसे ताबीज में डालकर धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त खरगोश के दांत को ताबीज में धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
* सहदेवी की जड़ के सात टुकड़े करके उन्हें माला की भांति लाल धागे में पिरोये इससे अधिक दस्त शांत हो जाती है।
* लोबान लजालू के पौधे की जड़ लाकर उसे गले में बांधने पर खांसी रोग से छुटकारा मिल जाता है।
* यदि किसी को नींद नहीं आती है तो सफेद गुंजा की जड़ सिरहाने रखने से अथवा केवांच की जड़ पीसकर सिर पर लगाने से नींद गहरी व आराम से आती है।
* एक लोहे की अंगूठी बनवाकर उसे दाहिने तथा हाथ की मध्यमा उंगली में पहनने से पथरी रोग शांत हो।
* मंगलवार या शनिवार के दिन सात साबुत डंठल वाली हरी मिर्च और एक नींबू लगाकर उन्हें डोरे में पिरोकर दुकान या कार्यालय स्थल के बाहर टांग दें। ऐसा हर मंगलवार या शनिवार को करें। इससे व्यापार तो बढ़ता ही है, साथ ही नजर या टोकार भी नहीं लगती।
* सोते समय बिस्तर पर लेटे हुए शरीर को बिल्कुल ढीला छोड़कर धीरे-धीरे 100 तक गिनती गिने, फिर सांस रोककर “ॐ कुम्भकर्णाय नमः" बोले और सांस छोड़ दें। इस प्रकार 108 बार करें। थोड़े ही दिनों में आराम से नींद आने लगेगी।
* पीपल की दातुन से पुष्य नक्षत्र में दांत साफ करने से ज्वर की शिकायत नहीं रहती। पुष्य नक्षत्र एक चन्द्र मास में एक बार आता है। जब पुष्य नक्षत्र आये तब पीपल की पतली सी डाली लेकर उससे दातुन करें। यह नक्षत्र लगभग चौबीस घंटे तक रहता है। इस अवधि में कभी भी हो सके तो प्रातः काल प्रतिमास करते रहें। ज्वर की शिकायत कभी नहीं होगी। यदि हो तो ज्वर काल में दातुन करने से ज्वर उतर जायेगा।
* खच्चर का दांत पास में रखने से धन वृद्धि होती है। इसका खुर जलाकर वह राख अलसी के तेल में मिलाकर लगाने से गंजापन दूर हो जाता है।
* सफेद आक की जड़ को माला की तरह बनाकर पहनाने से बच्चे को किसी भी प्रकार के टोने-टोटके अथवा नजर नहीं लगती।
* थोड़ा सा कपूर हथेली पर रखकर "ॐ नमः शिवायः” का 108 बार जाप करें, ध्यान रखें जाप करते वक्त दृष्टि कपूर पर रखें। फिर कपूर को पानी में डालकर पानी पी जाएं। कैसा भी पेट दर्द होगा ठीक हो जायेगा।
* रोगी शाम को डूबते सूरज की ओर मुँह करके वहाँ जहाँ दर्द हो कमर या छाती पर उस भाग को खोलकर नीम की टहनी को 21 बार स्पर्श कराकर स्वयं "ॐ श्री भैरवाय नमः" मंत्र बोलता रहे। फिर टहनी को कुएँ या तालाब में फेंक दें। ऐसा करने से कमर अथवा पसली का दर्द बिल्कुल ठीक हो जायेगा।
उपरोक्त छोटे-छोटे टोटके बहुत ही उपयोगी एवं कारगर हैं। आप भी इन्हें अपनाईये और अपने जीवन में समस्याओं से छुटकारा पाईये।
महेशनन्द शर्मा, लाडनूं
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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