 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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शरद पूर्णिमा 2022-
शरद पूर्णिमा की रात के दौरान चंद्रमा पृथ्वी के बहुत करीब होता है। इससे चंद्रमा से निकलने वाली तरंगों में मौजूद पोषक तत्व सीधे पृथ्वी पर गिरते हैं। शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाएं।
शरद पूर्णिमा 2022-
शरद पूर्णिमा हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ती है। इस तिथि का वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन प्रेम और कला से परिपूर्ण भगवान कृष्ण ने इसी दिन महारासों की रचना की थी। इसके अलावा इस दिन चंद्रमा भी सोलह कलाओं से भरा होता है और चंद्रमा से अमृत की वर्षा करता है।
मान्यताओं के अनुसार इस दिन चांद के नीचे खीर रखने का नियम है। क्योंकि इस दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है। यह अमृत जीवन में सुख, प्रेम और स्वास्थ्य तीनों लाता है। इस दिन चांदनी में खीर रखना शुभ माना जाता है। इस खीर को प्रसाद के रूप में लेना चाहिए।
कैसे बनाएं शरद पूर्णिमा की खीर-
शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाने के लिए गाय के दूध को सबसे अच्छा माना जाता है। गाय के दूध में घी और चीनी का प्रयोग करें। गाय के दूध के हलवे को कांच, मिट्टी या चांदी के बर्तन में रखें, फिर इसे देवी लक्ष्मी को अर्पित करें और इसे चांदनी में रखें। अगले दिन खाली पेट खीर का सेवन करना चाहिए। ध्यान रहे इस खीर का सेवन सूर्योदय से पहले करना चाहिए।
चांदनी में खीर रखने का वैज्ञानिक कारण-
दरअसल, शरद पूर्णिमा की रात में चंद्रमा पृथ्वी के काफी करीब होता है। इससे चंद्रमा से निकलने वाली तरंगों में मौजूद रासायनिक तत्व सीधे पृथ्वी पर गिरते हैं। इसलिए इस रात चंद्रमा से आने वाली तरंगों से पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। जिसे अगले दिन खाली पेट खाने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है।
शरद पूर्णिमा पर धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय-
* शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाएं।
* इसके बाद उन्हें गुलाब के फूल की माला अर्पित करें।
* सफेद मिठाई और गुलाब का इत्र भी चढ़ाएं।
* इस उपाय को करने से आपको कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी।
चर्म रोगों में लाभकारी-
शरद पूर्णिमा की खीर खाने से त्वचा रोगों से पीड़ित लोगों को बहुत फायदा होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को चर्म रोग है तो उसे इस दिन खुली हवा में रखी खीर खानी चाहिए। इसे खाने से कफ और सांस के रोग भी दूर होते हैं।
इस प्रकार शरद पूर्णिमा पर चंद्र दर्शन, लक्ष्मी पूजा और खीर भोग का एक अलग महत्व है। अतः इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पूजा विशेष फलदायी होगी।
 
 
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