आधुनिक जीवन में तनाव किसी तरह कम नहीं हो पा रहा है। स्ट्रेस मैनेजमेंट की बात की जाती है लेकिन कई बार युवाओं को उससे भी कोई फायदा नहीं मिल पाता है। आइए समझते हैं कि तनाव को किस तरह कम कर सकते हैं। आज की तेज भागती जिंदगी में खुद के लिए समय निकालना लगभग मुश्किल होता जा रहा है।
डॉ. अनिल कहते हैं- तनाव हमको आपको सबको कभी भी, किसी भी समय प्रभावित कर सकता है। हमेशा तनाव के साथ जीना न केवल मुश्किल होता है बल्कि उसका शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गलत असर पड़ता है। याद रखें कि तनाव को जीवन जीने का तरीका बना लेना आवश्यक नहीं है।
तनाव क्या है?
जब भी आसपास कोई परिवर्तन होता है तो उस परिवर्तन में प्रति शारीरिक व मानसिक प्रतिक्रिया होती है। वातावरण में होने वाले परिवर्तनों को लेकर शरीर की प्रतिक्रिया ही तनाव है। जितना ज्यादा उस परिवर्तन के प्रति प्रतिक्रिया करते हैं उतना ज्यादा तनाव ग्रस्त होते हैं। कई बार यह होता है कि युवा अपने मन की न होने पर तनाव पाल लेते हैं और शारीरिक या भावनात्मक प्रतिक्रिया करते हैं। कुंठाग्रस्त होना और घर के तथा आसपास के लोगों पर भड़ास निकालना इसी का परिणाम है।
शराब में ढूंढते हैं सहारा-
कई युवा तनाव का सामना नहीं कर पाने के कारण शराबखोरी या अन्य तरह के मादक पदार्थों में सहारा ढूंढते हैं। मादक पदार्थों से कुछ समय के लिए तो राहत मिल सकती है या राहत मिलने का भ्रम हो जाता है लेकिन नशा उतरते है वही तनाव की स्थिति वापस लौट आती है।
तनाव असर डालता है शरीर पर-
बहुत अधिक या लंबे समय तक रहने वाले तनाव से काम करने में परेशानी, एकाग्रता की कमी, सिरदर्द, पढ़ने-लिखने में परेशानी, थकान आदि होने लगती है। तनाव, मन व शरीर को प्रभावित करता है। कई बार मानसिक संतुलन भी बिगड़ जाता है। चिड़चिड़ापन व क्रोध उत्पन्न होता है। युवाओं में तनाव के कारण कई प्रकार की साइकोसोमैटिक बीमारियों जैसे अनिद्रा, सिरदर्द, माइग्रेन, अवसाद, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी रोग, मोटापा, एसिडिटी, पेप्टिक अल्सर, बालों का गिरना, आंतों के रोग आदि से पीड़ित हो जाता है।
एक्सरसाइज करें रोज-
नियमित शारीरिक व्यायाम, योग, घूमना, तैरना, नृत्य आदि हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं तथा तनाव को कम करते हैं। कसरत करने से स्ट्रेस हार्मोन्स बनना बंद हो जाते हैं। नियमित ध्यान, भावातीत ध्यान, शव आसन करें। इससे रिलेक्स होने में मदद मिलती है। तनाव कम होता है और सकारात्मक विचार मन में प्रवेश करने लगते हैं।
तनाव से बचने के उपाय-
तनाव उत्पन्न कर सकने वाली परिस्थितियों को जानें और उससे बचने का प्रयास करें। किसी भी ऐसे कार्य को करने की कोशिश न करें। जिसे करने की आपकी सामर्थ्य नहीं हो। अपनी क्षमता से अधिक की उम्मीद पाल लेने से ही फ्रस्ट्रेशन घर करने लगता है। कोई भी अचिवेबल गोल तय कर लें। दुर्लभ लक्ष्य पीछा करने वाले को तोड़ देते हैं और अंत में अवसाद की दुनिया में धकेल देते हैं।
1. बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा न करें। हमेशा हार-जीत की भावना न रखें।
2. लगातार अत्यधिक कार्य से बचें।
3. अपनी आवश्यकताओं की दौड़ को कम करें।
4. अनिश्चितता से बचें।
5. उद्देश्य तय करें, अपने जीवन के उद्देश्यों पर विचार करें व उन्हें तय करें।
6. अपने विचारों के प्रति सजग रहें। हमेशा सकारात्मक विचार रखना चाहिए तथा नकारात्म विचारों से बचें।
7. चिड़चिड़ेपन से बचें।
8. अपने व्यक्तित्व को पहचानें, अपने व्यक्तित्व के अनुरूप तनाव को हल करें।
9. अपने मन को सुझाव दें एवं समझाएं (ऑटो सजेशन)।
10. यदि समस्या आपकी वजह से है तो उसे दृढ़ता शांति से सुलझा लें तथा हल कर लें।
11. आप दूसरों की भावनाओं व विश्वास को बदल सकते। अतः उन्हें जैसे वे हैं वैसे ही स्वीकारें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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