Published By:धर्म पुराण डेस्क

अशुभ शुक्र(वीनस) ग्रह की शान्ति के उपाय..

जन्मपत्रिका अथवा गोचर के शुक्र(वीनस) के अशुभ प्रभाव समाप्त कर उनको शुभ प्रभाव में बदलने के लिए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु शास्त्री पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार कुछ ऐसे उपाय जिनको करने से आप निश्चित ही लाभान्वित होंगे। 

कोई भी उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्र(वीनस)वार से आरम्भ करें..

— सदैव स्वच्छ वस्त्र पहनें तथा इत्र का प्रयोग करें।

— स्त्री वर्ग का सदैव सम्मान करें।

— शुक्र(वीनस) सम्बन्धित किसी भी वस्तु को मुफ्त में ना लें।

— भोजन से पहले गाय के लिए भोजन का कुछ हिस्सा निकालें।

— कभी भी फटे या जले कपड़े  नहीं पहनने चाहिए।

— शुक्र(वीनस)वार को सुहागिन महिला को सुहाग सामग्री के साथ इत्र का दान करें।

शुक्र(वीनस) के उपाय करने से वैवाहिक सुख की प्राप्ति की संभावनाएं बनती है. वाहन से जुड़े मामलों में भी यह उपाय लाभकारी रहते है.

ग्रह(प्लेनेट) में शुक्र(वीनस) को विवाह व वाहन का कारक ग्रह(प्लेनेट) कहा गया है. इसके साथ साथ वाहन दुर्घटना से बचने के लिये भी ये उपाय किये जा सकते है|

— जन्मकालीन शुक्र(वीनस) निर्बल होने के कारण अशुभ फल देने वाला हो तो निम्नलिखित उपाय करने से बलवान हो कर शुभ फल दायक हो जाता है |

— रत्न धारण– श्वेत रंग का हीरा प्लैटिनम या चांदी की अंगूठी में  पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ व भरणी नक्षत्रों में जड़वा कर शुक्र(वीनस)वार को सूर्योदय के बाद  पुरुष दायें हाथ की तथा स्त्री बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें | 

धारण करने से पहले “ॐ  द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्र(वीनस)ाय  नमः” मन्त्र के 108  उच्चारण से इस में ग्रह(प्लेनेट) प्रतिष्ठा करके धूप, दीप, श्वेत पुष्प, अक्षत आदि से पूजन कर लें|

— हीरे की सामर्थ्य न हो तो उपरत्न श्वेत जरकन भी धारण कर सकते हैं |

— दान व्रत, जाप –  शुक्र(वीनस)वार के नमक रहित व्रत रखें, साथ में “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्र(वीनस)ाय  नमः” इस  मंत्र का 16000 की संख्या में जाप करें |

— शुक्र(वीनस)वार को आटा, चावल, दूध, दही, मिश्री, श्वेत चन्दन, इत्र, श्वेत रंग का वस्त्र,चांदी इत्यादि का दान करें |

—शुक्र(वीनस) की दान देने वाली वस्तुओं में घी व चावल का दान किया जाता है. इसके अतिरिक्त शुक्र(वीनस) क्योंकि भोग-विलास के कारक ग्रह(प्लेनेट) है. इसलिये सुख- आराम की वस्तुओं का भी दान किया जा सकता है. 

बनाव -श्रृंगार की वस्तुओं का दान भी इसके अन्तर्गत किया जा सकता है| दान क्रिया में दान करने वाले व्यक्ति में श्रद्धा व विश्वास होना आवश्यक है. तथा यह दान व्यक्ति को अपने हाथों से करना चाहिए. दान से पहले अपने बड़ों का आशीर्वाद लेना उपाय की शुभता को बढ़ाने में सहयोग करता है.

— ग्रह(प्लेनेट) की वस्तुओं से स्नान करना उपायों के अंतर्गत आता है. शुक्र(वीनस) का स्नान उपाय करते समय जल में बडी इलायची डालकर उबाल कर इस जल को स्नान के पानी में मिलाया जाता है. इसके बाद इस पानी से स्नान किया जाता है. स्नान करने से वस्तु का प्रभाव व्यक्ति पर प्रत्यक्ष रूप से पडता है. तथा शुक्र(वीनस) के दोषों का निवारण होता है. 

यह उपाय करते समय व्यक्ति को अपनी शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए तथा उपाय करने की अवधि के दौरान शुक्र(वीनस) देव का ध्यान करने से उपाय की शुभता में वृद्धि होती है. इसके दौरान शुक्र(वीनस) मंत्र का जाप करने से भी शुक्र(वीनस) के उपाय के फलों को सहयोग प्राप्त होता है 

— शुक्र(वीनस) के इस उपाय में निम्न श्लोक का पाठ किया जाता है—

“ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा “

शुक्र(वीनस) के अशुभ गोचर की अवधि या फिर शुक्र(वीनस) की दशा में इस श्लोक का पाठ प्रतिदिन या फिर शुक्र(वीनस)वार के दिन करने पर इस समय के अशुभ फलों में कमी होने की संभावना बनती है. मुंह के अशुद्ध होने पर मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए. 

ऐसा करने पर विपरीत फल प्राप्त हो सकते है. वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिये इस श्लोक का जाप करना लाभकारी रहता है वाहन दुर्घटना से बचाव करने के लिए यह मंत्र लाभकारी रहता है.

शुक्र(वीनस) स्त्री गृह है, मनुष्य की कामुकता से इसका सीधा सम्बन्ध भी है, और हर प्रकार के सौंदर्य और ऐश्वर्य से ये सीधे सम्बन्ध रखता है. शुक्र(वीनस) के लिए ओपल, हीरा, स्फटिक का प्रयोग करना चाहिए और यदि ये बहुत ही खराब है तो पुरुषों को अश्विनी मुद्रा या क्रिया रोज करनी चाहिये.”ओम रीम दूम दुर्गाय नमः” इसकी एक माला रोज करनी चाहिये शुक्र(वीनस) को अच्छा करने के लिए .


 

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