रुद्राक्ष धारण करने के अनेक लाभ हैं, जिनमें से एक है सर्वजन मोहन। यदि आप अपनी वाणी में ओज और आकर्षण पैदा करना चाहते हैं, ताकि आप लोगों को अपनी बातों से प्रभावित कर सकें, तो आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
सामग्री:
चार मुखी रुद्राक्ष - 3 दाने,
पांच मुखी रुद्राक्ष - 3 दाने,
छह मुखी रुद्राक्ष - 3 दाने,
लाल कलावा या धागा,
सवा गांठ,
भगवान शिव के लिए प्रिय वस्तुएं (बेल, धतूरा, भांग, निर्गुण्डी, आदि),
भस्म,
विधि:
किसी भी सोमवार को, उपरोक्त सामग्री को इकट्ठा करें।
रुद्राक्ष के दानों को एक लाल कलावा या धागे में मुंह से पूछ की ओर पिरो लें।
दानों के बीच में सवा गांठ लगाएं।
धागे की लंबाई इतनी रखें कि रुद्राक्ष की कंठी आपके हृदय के समीप रहे।
कंठी को लेकर किसी शिव मंदिर में जाएं।
कंठी को शिवलिंग पर रखें और जल से अभिषेक करें।
अभिषेक करते समय, निरंतर "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।
यदि संभव हो तो, भगवान शिव को उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करें।
भस्म से भगवान को तिलक/त्रिपुण्ड दें।
कंठी के प्रत्येक रुद्राक्ष पर भस्म से बिंदी लगाएं।
भगवान शिव से प्रार्थना करें कि आपकी वाणी में ऐसा ओज और आकर्षण उत्पन्न हो जिससे जो भी आपके बात सुने, आपकी बातों से मोहित होने लगे।
वहीं बैठकर, एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
कंठी को धारण कर लें।
यह उपाय करने से आपको शीघ्र ही अपने कार्य में सुधार दिखने लगेगा।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि केवल रुद्राक्ष धारण करने से ही सर्वजन मोहन नहीं होगा। आपको अपनी वाणी और व्यवहार में भी सुधार लाना होगा। अपनी बातों को प्रभावशाली बनाने के लिए आपको आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ बोलना होगा।
इसके अलावा, आपको दूसरों के प्रति सम्मान और करुणा का भाव रखना होगा। यदि आप दूसरों का भला चाहेंगे, तो वे भी आपके प्रति आकर्षित होंगे।
यह उपाय उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो:
राजनीति में हैं,
शिक्षक हैं,
वकील हैं,
विक्रेता हैं,
ग्राहक सेवा में काम करते हैं,
यह उपाय करने से आपको अपनी वाणी का प्रभावी ढंग से उपयोग करने और लोगों को अपनी बातों से प्रभावित करने में मदद मिलेगी।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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