जगत खींच जगदीश लगावैं,
जीव को भव से पार लगावैं ।
सतगुरु निज बल योग करावैं,
पट उघार के अलख लखावैं ।
महामंत्र निज तेज जपावैं,
चिंतन सतगुरु आप करावैं।
शक्तिपात बल चिति जगावैं,
सीस देत करुणा बरसावैं ।
निज प्रताप घट दीप जरावैं,
अंतस व्यापत तिमिर मिटावैं।
सतगुरु अमृत पान करावैं,
निज बल तीनों ताप मिटावैं।
छाया बनकर राह लखावैँ,
परम् लक्ष्य की ओर लगावैं।
घट भीतर का भेद बतावैं,
सतगुरु आपन धरम निभावैं।
जो नर श्रद्धा सुमन चढ़ावैं,
राम नाम धुन मन मन गावैं।
चरण कमल में धोक लगावैं,
ब्रह्मानंद परम् सुख पावैं।
आध्यात्मिक उन्नति की कविता में समर्थ सदगुरुदेव रामलाल सियाग के आदर्श और आध्यात्मिक जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को व्यक्त किया गया है। इस आर्टिकल में, हम जानेंगे कैसे सदगुरुदेव का उपासना और ध्यान धारणा के माध्यम से मानवता को आत्मा के साथ जोड़ने की राह में मार्गदर्शन करते हैं।
गुरुदेव का स्वरूप और महत्व:
सदगुरुदेव को सत्य, ज्ञान, और आनंद के स्रोत के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उनके चरणों में शरण लेने के माध्यम से ही मनुष्य अपने जीवन को सत्यानुष्ठान में परिणामी बना सकता है। गुरुदेव के उपदेशों और मंत्रों के माध्यम से आत्मा का संयोजन करने की अद्वितीय विधि वर्णित की गई है।
मंत्र जप और ध्यान का महत्व:
कविता में समर्थ सदगुरुदेव के मंत्र जप और ध्यान की महत्वपूर्णता पर बल दिया गया है। ध्यान धारणा के माध्यम से मन को एकाग्रता में लाने का मार्ग बताया जा रहा है, जिससे आत्मा का साक्षात्कार हो सकता है।
आत्मा का साक्षात्कार और जीवन का पुनर्निर्माण:
गुरुदेव के आदर्शों का पालन करने से आत्मा का साक्षात्कार होने के साथ ही जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होता है। ध्यान के माध्यम से साक्षात्कार हुआ तो मन, बुद्धि, और अंतरात्मा में सामंजस्य बढ़ता है, जिससे जीवन का पुनर्निर्माण संभव होता है।
निरंतर साधना का महत्व:
आध्यात्मिक सफलता के लिए निरंतर साधना का महत्वपूर्ण होना बताया गया है। गुरुदेव के उपदेशों का पालन करते हुए नित्य साधना करना हमें अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक हो सकता है।
समाप्ति:
इस आर्टिकल से हमें समर्थ सदगुरुदेव के आदर्शों और उनके शिष्यों के लिए ध्यान और मंत्र जप की महत्वपूर्णता का समझावा मिलता है, जिससे आत्मा का साक्षात्कार और जीवन का पुनर्निर्माण संभव हो सकता है। इस आध्यात्मिक यात्रा में सदगुरुदेव के मार्गदर्शन में जीवन को एक नये दृष्टिकोण से देखने का सुनहरा अवसर है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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