 Published By:धर्म पुराण डेस्क
 Published By:धर्म पुराण डेस्क
					 
					
                    
प्रस्तावना:
भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में विद्या, बुद्धि, और कला की देवी मां सरस्वती को विशेष आदर्श माना जाता है। उनकी पूजा का महत्वपूर्ण घड्याळ, विद्यार्थियों, और कलाकारों के बीच उच्च है, और इसे बसंत पंचमी के दिन सबसे अधिक माना जाता है।
कथा:
ऋग्वेद में दिव्य ग्रंथ कही जाने वाले एक श्लोक के अनुसार, ब्रह्मा जी को अपनी सृष्टि के सृजन से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने अपनी सृष्टि में विद्या और ज्ञान की अभावना को देखा और तब वे अत्यंत चिंतित हो गए।
ब्रह्मा जी की चिंता से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी आंग्यभूत रूप में विद्या की देवी, मां सरस्वती को सृष्टि से जोड़ा। मां सरस्वती ने अपनी अद्वितीय सुंदरता, वाक्पटुता, और ज्ञान-विज्ञान की अद्भुत शक्तियों के साथ ब्रह्मा जी को आशीर्वादित किया। इसके पश्चात, ब्रह्मा जी ने अपनी सृष्टि में विद्या की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया और उसे सुंदर और समृद्धि भरा बना दिया।
बसंत पंचमी का महत्व:
बसंत पंचमी के दिन इसी घड़ियाल में, जब मां सरस्वती ने ब्रह्मा जी को अपना आशीर्वाद दिया था, विद्यार्थियों, कलाकारों, और शिक्षकों ने उन्हें विशेष आराधना और पूजा की जाती है। इस दिन बच्चे अपनी पढ़ाई की शुरुआत करते हैं और कला क्षेत्र में रुचि रखने वाले लोग मां सरस्वती की कृपा का आभास करते हैं।
सारांश:
बसंत पंचमी का दिन हमें यह सिखाता है कि विद्या, बुद्धि, और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा से ही हमारे जीवन में ज्ञान और समृद्धि का स्रोत मिलता है। इस अद्वितीय कथा ने भारतीय सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बचपन से ही सिखाया है कि शिक्षा और ज्ञान की महत्वपूर्णता को समझा जाए और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखा जाए।
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024 
                                यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024 
                                लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024 
                                संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024 
                                आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024 
                                योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024 
                                भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024 
                                कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                