Published By:धर्म पुराण डेस्क

कुंभ से मकर में आ रहे शनि, जानिए किन शुभ कामों से मिलती है उनकी कृपा

नौ ग्रहों में न्यायाधीश शनि 13 जुलाई को राशि बदल रहे हैं। ये ग्रह कुंभ से पीछे वाली राशि यानी मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसकी वजह ये है कि शनि देव इस समय वक्री हैं यानी उल्टा चल रहे हैं। 

शनि की वक्री चाल की वजह से ये कुंभ से पीछे वाली मकर राशि में आएंगे। इसके बाद पूरे साल शनि मकर में ही रहेंगे। अगले साल 17 जनवरी 2023 को ये फिर से कुंभ राशि में आ जाएंगे।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक शनि का ये राशि परिवर्तन अधिकतर लोगों की परेशानियां बढ़ा सकता है। शनि के लिए सभी 12 राशियों के लोगों को शनि के लिए शुभ काम करते रहना चाहिए। 

ऐसा करने से जीवन में शनि की विपरीत स्थिति में भी उनकी वजह से ज्यादा दिक्कतें नहीं आती हैं। अधिकतर लोग शनि के लिए हर शनिवार तेल का दान तो करते हैं, लेकिन इसके साथ ही शनि के मंत्रों का जप किया जाए तो शुभ फल जल्दी मिल सकते हैं।

शनि के 10 नाम मंत्रों का जप कर सकते हैं ..

कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।

सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

शनि देव की पूजा करते समय इस मंत्र का जप जरूर करना चाहिए। इस मंत्र में शनि के 10 नाम हैं। ये 10 नाम हैं कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद और पिप्पलाद। अगर मंत्र जप नहीं करना चाहते हैं तो शनि के इन दस नामों का सामान्य तरीके से जप भी कर सकते हैं।

शनि की सरल पूजा: 

घर के मंदिर में या किसी बड़े मंदिर में हर शनिवार को शनि देव की प्रतिमा पर तेल चढ़ाएं। काले तिल के साथ नीले फूल, नीले वस्त्र आदि अर्पित करें। काले तिल से बना भोग भी चढ़ाएं और धूप-दीप जलाकर आरती करें। इसके बाद शनि मंत्रों का जप करें। मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 रहेगी तो ज्यादा शुभ कारक रहेगा। 

पूजा के अंत में शनि भगवान से जाने-अनजाने में हुई भूल के लिए क्षमा मांगें। इसके बाद प्रसाद वितरित करें और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।

शनि देव की प्रसन्नता के लिए करें ये शुभ काम ..

उन लोगों को भी शनि देव की कृपा मिलती है जो हर शनिवार हनुमान जी की पूजा करते हैं। शनिवार को हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें या मंत्र ऊँ रामदूताय नम: का जप कर सकते हैं।


 

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