 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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जीवन में हम किसी को कुछ नहीं दे सकते तो कम से कम अपने शब्दों से किसी को आहत ना करें। यदि किसी को हम कुछ दे सकें तो प्रशंसा दें किसी का आत्मविश्वास बढ़े, किसी को आगे बढ़ाने के लिए तारीफ के दो शब्द कहें, उसका मनोबल बढ़ाएं उसे ऊंचा उठाने का प्रयास करें।
दूसरों की प्रशंसा करना एक महत्वपूर्ण सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू है जिससे न केवल आपके आसपास के लोगों को प्रभावित किया जा सकता है, बल्कि यह आपके अपने जीवन को भी सकारात्मक ढंग से प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, इससे आपको व्यक्तिगत और सामाजिक लाभ भी मिलते हैं।
यहां कुछ प्रमुख कारण हैं जो दूसरों की प्रशंसा करने को आवश्यक बनाते हैं:
संबंध और सहयोग: जब आप किसी व्यक्ति की प्रशंसा करते हैं, तो वह आपके साथ एक संबंध बनाने और उसके साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित होता है। इससे समुदाय की आपसी समरसता और मजबूती बढ़ती है।
उत्साह और स्फूर्ति: प्रशंसा एक व्यक्ति को उत्साहित करने का एक बहुत अच्छा तरीका है। जब आप किसी की तारीफ करते हैं, तो वह व्यक्ति अपनी कामयाबियों के लिए उत्साहित होता है और अगले स्तर पर जाने के लिए प्रेरित होता है।
स्वाभिमान और आत्मविश्वास: एक व्यक्ति की प्रशंसा करने से उसका स्वाभिमान और आत्मविश्वास बढ़ता है। वह अपनी क्षमताओं और सामर्थ्य को महसूस करता है और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आत्मविश्वास से काम करने के लिए प्रोत्साहित होता है।
सकारात्मकता और खुशहाली: प्रशंसा करने से व्यक्ति को सकारात्मक वातावरण में रहने का आनंद मिलता है। यह उसकी खुशहाली और मनोबल को बढ़ाता है और उसे सफलता की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
इस प्रकार, दूसरों की प्रशंसा करने से आपको स्वयं और आपके आसपास के लोगों को विभिन्न तरह के लाभ प्राप्त हो सकते हैं। इसके अलावा, एक सकारात्मक और समर्पित माहौल को बनाने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो सभी के लिए एक समृद्ध और संतुष्ट जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है।
भागीरथ एच पुरोहित
 
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