 Published By:अतुल विनोद
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कैलाश पर्वत से लेकर रामेश्वरम तक कई शिव मंदिरों के रहस्य अद्भुत और हैरान करने वाले हैं। देश में कुछ ऐसे शिव मंदिर हैं जिनमें शिवलिंग का रंग रोज बदलता है। ये शिव मंदिर वास्तव में कहाँ हैं और उनकी विशेषताएं क्या हैं? जानते हैं 
दुनिया भारतीय संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करती है। क्योंकि ये प्रथाएं, जो प्राचीन काल से चली आ रही हैं, वही हैं जो मानव स्वास्थ्य, विचार, संस्कृति और आचरण को समृद्ध करती हैं। भारत एक बहुधार्मिक देश है। 
हम भक्त और भगवान के रिश्ते में हजारों रंग देखते हैं। कैलाश पर्वत से लेकर रामेश्वरम तक कई शिव मंदिरों के रहस्य अद्भुत और हैरान करने वाले हैं। देश में कुछ ऐसे शिव मंदिर हैं जिनमें शिवलिंग का रंग रोज बदलता है। शिव मंदिर वास्तव में कहाँ हैं और उनकी विशेषताएं क्या हैं? 
अचलेश्वर मंदिर, राजस्थान
राजस्थान के धौलपुर में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर का शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। दिन के पहले पहर में इस शिवलिंग का रंग लाल होता है। यह लाल रंग दोपहर में नारंगी हो जाता है और शाम को इस शिवलिंग को काले रंग में बदल जाता है। यह एक रहस्य है कि शिवलिंग का रंग लगातार क्यों बदल रहा है। आज तक इस विषय पर काफी शोध हो चुके हैं। हालांकि शिवलिंग का रंग क्यों बदलता है इसका जवाब किसी के पास नहीं है। जिन लोगों के विवाह नहीं होते, वे लोग इस मंदिर में आकर शिव को प्रणाम करते हैं। ऐसा माना जाता है कि महादेव की कृपा से विवाह योग बनता है। कहा जाता है कि धार्मिक मान्यता है कि इस शिवलिंग पर भगवान शिव के पैरों के निशान हैं।
नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीर जिले में स्थित शिव मंदिर अपने असाधारण कारणों से विश्व प्रसिद्ध है। नर्मदेश्वर महादेव मंदिर कहे जाने वाले इस मंदिर में एक मेंढक की पूजा की जाती है। इसे मेंढकों का मंदिर भी कहा जाता है। इसे मांडुक तंत्र पर आधारित शिव मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में शिवलिंग का रंग प्रतिदिन बदलता है। इस वजह से भी यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। नर्मदेश्वर मंदिर में शिवलिंग का रंग हर दिन कैसे और क्यों बदलता है यह आज भी एक रहस्य है। इस मंदिर का निर्माण करीब 200 साल पहले हुआ था। यह शिव मंदिर एक मेंढक की भव्य मूर्ति पर स्थित है।
 
कालेश्वर महादेव मंदिर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के घाटमपुर जिले के सिमौर गांव में कालेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में शिवलिंग का रंग दिन में कई बार बदलता है। रंग बदलते शिवलिंग को देखने के लिए भक्त दिन भर इस मंदिर में आते हैं। यहां देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं। मंदिर में पुजारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शिवलिंग के बदलते रंग का महत्व अलग है। इनमें से प्रत्येक रंग शिव की महिमा का प्रतिनिधित्व करता है। कहा जाता है कि इस शिवलिंग का रंग क्यों बदलता है, इसका जवाब कोई नहीं खोज पाया है।
बनखंडी महादेव मंदिर, उत्तर प्रदेश
बनखंडी महादेव मंदिर उत्तर प्रदेश के चकरपुर के जंगल में स्थित है। इस मंदिर में शिवलिंग का रंग शिवरात्रि पर बदल जाता है । इस अद्भुत और रहस्यमय शिवलिंग के दर्शन  के लिए सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ यहां उमड़ पड़ती है। इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1830 में हुई थी। एक बार हमेशा की तरह इस जंगल में चरते हुए गाय अचानक एक जगह रुक गई और दूध देने लगी। यह नजारा देख हर कोई हैरान रह गया। इस स्थान पर थोड़ी खुदाई के बाद एक अद्भुत शिवलिंग मिला। इसके बाद यहां शिव मंदिर की स्थापना की गई। इसी अवधि में इस शिवलिंग का रंग क्यों बदलता है, इस सवाल का जवाब अभी भी अनुत्तरित है।
दुल्हन शिवालय, बिहार
बिहार राज्य के नालंदा जिले में दुल्हन शिवालय नामक एक शिव मंदिर है। इस मंदिर क्षेत्र में दो मंदिरों का निर्माण किया गया है। कहा जाता है कि सास-बहू ने इन मंदिरों की स्थापना की थी।
 
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