Published By:धर्म पुराण डेस्क

आत्म-स्वास्थ्य: नींद का महत्व और हृदय रोग से बचाव

आध्यात्मिकता, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ आहार के अलावा, एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए अच्छी नींद भी बहुत महत्वपूर्ण है। हाल ही में हुए अध्ययनों के अनुसार, नींद की कमी से जुड़ी अनेक समस्याएं हृदय रोग को बढ़ा सकती हैं।

नींद और हृदय स्वास्थ्य: एक अद्वितीय पहलू

हार्ट के रोग और नींद की कमी: एक अमेरिकी जर्नल 'स्लीप हेल्थ' के शोध में दावा किया गया है कि नींद की कमी से परेशान लोगों में अतिरिक्त नींद लेने से हार्ट के रोग का खतरा कम हो सकता है।

आंकड़ों का विश्लेषण: नानजिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य और पोषण परीक्षा सर्वेक्षण (एनएचएएनईएस) के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए यह बताया कि हार्ट रिलेटेड समस्याएं उन लोगों में अधिक हैं जो पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं।

नींद की कमी से उत्पन्न समस्याएं

तनाव के हार्मोन का असंतुलन: रोजाना 6 घंटे से कम सोने से तनाव हार्मोन में असंतुलन हो सकता है, जिससे हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

स्ट्रोक और कोरोनरी हृदय की बीमारी: एक स्टडी ने दिखाया है कि अधिकतर मौतें स्ट्रोक और कोरोनरी हृदय की बीमारी से हो रही हैं, जो लोगों को पर्याप्त नींद नहीं लेने के कारण हो रही हैं।

नींद और स्वास्थ्य का संबंध: एक नजर में

होमोस्टेसिस और नींद: नींद का संरक्षण होमोस्टेसिस नामक प्रक्रिया के माध्यम से होता है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

ब्रेन क्षमता को बढ़ावा: नींद से मिलने वाले लाभों में मेमोरी, कंसन्ट्रेशन, और कॉग्निटिव क्षमता की बढ़ोतरी शामिल है।

नींद को बढ़ावा देने वाले उपाय

नियमित समय पर सोना: हर रात नियमित समय पर सोने से नींद की कमी से बचा जा सकता है।

आध्यात्मिकता और ध्यान: योग और ध्यान की अभ्यासना से मानसिक चैतन्यता में सुधार होती है, जिससे नींद में भी सुधार होता है।

गैजेट्स से दूर रहें: सोने से पहले गैजेट्स का इस्तेमाल कम करें, क्योंकि इससे ब्लू लाइट के कारण नींद पर असर हो सकता है।

इस लेख से हमें यह सिखने को मिलता है कि नींद का एक स्वस्थ जीवनशैली में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है और हमें हृदय रोग से बचाव के लिए नींद को सीरियसली लेना चाहिए।

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