विद्यार्थी के लिए गुरु की सेवा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी बुद्धि को विकसित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। गुरु की प्रसन्नता से ही विद्या सफल हो सकती है, और गुरु की आज्ञा का पालन करना एक उच्च आदर्श की प्राप्ति में मदद करता है। गुरु की सेवा एक विद्यार्थी के लिए नंबर वन सेवा है, जिससे वह अपने गुरु की आशीर्वाद को प्राप्त कर सकता है।
विद्यार्थी बुद्धिमान नहीं हैं, यह बात सत्य नहीं है; वास्तविक बात यह है कि वे परिश्रम नहीं करते हैं। परिश्रम करने से ही वे गुरु और माता-पिता के प्रति उच्च स्तर की प्रसन्नता प्राप्त कर सकते हैं।
विद्यार्थी को केवल बुद्धिबल ही नहीं, प्रत्युत मनोबल, शरीर बल, आदि सभी बलों को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। उसे व्रत-उपवास करके अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए।
विद्यार्थी को अपनी विद्या का अभिमान नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा अभिमान होने से उसकी आत्मा विकसित नहीं होती है। वह गुरु की शिक्षा और मार्गदर्शन को हमेशा महत्वपूर्ण मानना चाहिए ताकि वह सच्ची सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सके।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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