Published By:धर्म पुराण डेस्क

शीतला अष्टमी: जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि 

होली के एक सप्ताह बाद और चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला माता की पूजा की जाती है। इसे शीतला अष्टमी या बसौड़ा कहते हैं। इस दिन मां को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। पंचाग के अनुसार अष्टमी तिथि हर महीने में दो बार (शुक्लपक्ष और कृष्णपक्ष) पड़ती है लेकिन चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है। इसे शीतला अष्टमी या बसौड़ा के नाम से जाना जाता है। इस दिन शीतला माता की पूजा का विधान है। इस बार शीतला अष्टमी 15 मार्च 2023 को आ रही है।

शीतला अष्टमी तिथि और मुहूर्त (शीतला अष्टमी 2023 मुहूर्त)

चैत्र मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी प्रारंभ: 14 मार्च 2023 को रात 08:22 बजे
चैत्र मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी समाप्त: 15 मार्च 2023 को शाम 06:45 बजे
बासौदा पर मां चेचक की पूजा का मुहूर्त 15 मार्च को सुबह 06:30 बजे से शाम 06:29 बजे तक रहेगा।

शीतला अष्टमी 2023 पूजाविधि

शीतला अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा घर में दीपक जलाएं। हाथ में पुष्प, अक्षत, जल और दक्षिणा लेकर व्रत का संकल्प लें। माता शीतला की पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें और उसमें माता की मूर्ति स्थापित करें। मां को रोली, लाल फूल, अक्षत और अगरबत्ती जलाएं। सप्तमी तिथि के दिन मां शीतला को दही, रबड़ी, चावल से बने पकवान का भोग लगाएं। पूजा में शीतला स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और फिर आरती करनी चाहिए।

शीतला अष्टमी 2023 उपाय

शीतला अष्टमी के दिन पूजा में देवी को जल चढ़ाते समय रंग में थोड़ा जल बचाकर रखें और माता शीतला का ध्यान करते हुए इस जल को घर के कोने-कोने में और हर जगह छिड़कें। इससे घर में सुख-शांति आती है।मनोकामना पूर्ति के लिए शीतला अष्टमी के दिन मां को कुमकुम, अक्षत और लाल फूल अर्पित करें। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और घर से बीमारियां दूर रहेंगी।

घर में सुख-शांति के लिए शीतला माता की पूजा में 'वंदेहम शीतला देवी रसस्थान दिगंबरम, मरजानिकलशोपेत...' मंत्र का जाप करें।
 

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