Published By:धर्म पुराण डेस्क

श्री हनुमान वंदना

ओम हं हनुमते नमः

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्‌।

दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्‌।।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्‌।

रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥

मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥

हनुमान जी के द्वादश नाम:- 

इन बारह नामों का निरंतर जाप करने वाले व्यक्ति की श्री हनुमानजी दसों दिशाओं एवं आकाश-पाताल में हर प्रकार के संकट से रक्षा करते हैं

हनुमानअंजनीसूनूवायुपुत्रो महाबल:।

रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिन्गाक्षोऽमितविक्रम:॥

उदधिक्रमणश्चेव सीताशोकविनाशन:।

लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा॥

एवं द्वादश नामानि कपिन्द्रस्य महात्मन:।

स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च यः पठेत्॥

तस्य सर्व भयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।

राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन॥

ओम हनुमान,

ओम अंजनी सुत,

ओम वायु पुत्र,

ओम महाबल,

ओम रामेष्ट,

ओम फाल्गुण सखा,

ओम पिंगाक्ष,

ओम अमित विक्रम,

ओम उदधिक्रमण,

ओम सीता शोक विनाशन,

ओम लक्ष्मण प्राण दाता,

ओम दशग्रीव दर्पहा,

इन बारह नामों का जाप करने के विभिन्न प्रकार व उनके लाभ..

- प्रात: काल उठते ही 11 बार जपने वाला व्यक्ति दीर्घायु होता है।

- नित्य-नियम के समय नाम लेने से इष्ट की प्राप्ति होती है।

- दोपहर में नाम लेने वाला व्यक्ति धनवान होता है। 

- संध्या के समय नाम लेने वाला व्यक्ति पारिवारिक सुखों से तृप्त होता है।

- रात्रि को सोते समय नाम लेनेवाले व्यक्ति की शत्रु से जीत होती है।

- लाल स्याही से मंगलवार को भोजपत्र पर ये बारह नाम लिखकर मंगलवार के दिन ही तांबे के ताबीज में बांधने से कभी सिरदर्द नहीं होता।

- भोजपत्र पर लिखने के काम आने वाला पेन नया होना चाहिए।

- “ॐ हं हनुमते नमः” लघु मंत्र भी तत्काल प्रभावी। 

- नित्य-नियम के समय मंत्र का 11 बार जप हनुमान चालीसा के पाठ।

जितना प्रभावशाली और लाभप्रद..

मंत्र का 108 बार जप सुन्दरकाण्ड के पाठ का विकल्प -


 

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