श्री महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन शहर में स्थित, भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर अपनी भव्यता, धार्मिक महत्व और अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
मंदिर का इतिहास:
महाकालेश्वर मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 5वीं शताब्दी ईस्वी में हुआ था। समय के साथ, मंदिर का जीर्णोद्धार और विस्तार कई राजाओं और सम्राटों द्वारा किया गया, जिनमें गुप्त, चालुक्य, परमार और मुगल शामिल हैं।
मंदिर की वास्तुकला:
महाकालेश्वर मंदिर नागर शैली में बना है। मंदिर का गर्भगृह, जहाँ ज्योतिर्लिंग स्थापित है, भव्य और शानदार है। गर्भगृह के ऊपर मंदिर का शिखर 7 मंजिला है और सोने से मढ़ा हुआ है। मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित है।
धार्मिक महत्व:
श्री महाकालेश्वर मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण, भगवान शिव के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु हर साल इस मंदिर में आते हैं। महाशिवरात्रि का त्यौहार यहाँ विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है।
मंदिर में दर्शन:
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है। मंदिर में प्रवेश करते समय, उचित वेशभूषा पहने और मंदिर के नियमों का पालन करें। दर्शन के लिए आपको लाइन में लगना होगा। मंदिर परिसर में कई दुकानें हैं जहाँ आप धार्मिक सामग्री और स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं।
कैसे पहुंचें:
वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा इंदौर (53 किमी) है। यहाँ से दिल्ली, मुंबई, पुणे, जयपुर, हैदराबाद और भोपाल की नियमित उड़ानें हैं।
ट्रेन द्वारा: उज्जैन पश्चिम रेलवे जोन का एक रेलवे स्टेशन है। यहाँ का UJN कोड है । यहाँ से कई बड़े शहरों के लिए ट्रेन उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग: नियमित बस सेवाएं उज्जैन को इंदौर, भोपाल, रतलाम, ग्वालियर, मांडू, धार, कोटा और ओंकारेश्वर आदि से जोड़ती हैं। अच्छी सड़कें उज्जैन को अहमदाबाद (402 किलोमीटर), भोपाल (183 किलोमीटर), मुंबई (655 किलोमीटर), दिल्ली से जोड़ती हैं। (774 किलोमीटर), ग्वालियर (451 किलोमीटर), इंदौर (53 किलोमीटर) और खजुराहो (570 किलोमीटर) आदि।
श्री महाकालेश्वर मंदिर भक्तों के लिए आस्था और प्रेरणा का प्रतीक है। यदि आप उज्जैन घूमने जा रहे हैं, तो श्री महाकालेश्वर मंदिर का दर्शन अवश्य करें।
यह भी ध्यान दें:
* मंदिर में प्रवेश करते समय, उचित वेशभूषा पहने और मंदिर के नियमों का पालन करें।
* दर्शन के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है।
* मंदिर परिसर में कई दुकानें हैं जहाँ आप धार्मिक सामग्री और स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं.
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