Published By:धर्म पुराण डेस्क

सतना जिले के चित्रकूट में राजौला वन कक्ष में बनेगा श्री राम वन स्थल

प्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट में वन बीट राजौला के वन कक्ष क्रमांक पीएफ 18 में जोकि चित्रकूट-सतना नेशनल हाईवे 135 बीजी से एकदम लगा हुआ है, के आठ हेक्टेयर क्षेत्र में श्री राम वन स्थल बनेगा जिस पर करीब सात करोड़ रुपये व्यय होंगे। 

यह स्थल भगवान श्री राम के धनुष कोदंड की तरह है इसलिये पहले इसका नाम कोदंड वन प्रस्तावित किया गया था परन्तु अब यह श्री राम वन के नाम से रहेगा। इसकी डीपीआर स्वीकृत हो गई है और कार्य शुरु हो गया है।

उक्त चयनित वन क्षेत्र में पेड़ों का घनत्व बहुत कम है, साथ ही आस्था से जुड़े पीपल एवं बरगद के 7-8 काफी पुराने वृक्ष हैं। यह स्थल आसपास के दर्शनीय स्थलों यथा कामतानाथ मंदिर एवं जानकी कुण्ड से 5 किमी, मंदाकिनी उद्गम स्थल से 7 किमी, गुप्त गोदावरी गुफा से 9 किमी, स्फटिक शिला से 4 किमी, हनुमान धारा से 8 किमी, रामघाट से 7 किमी, राम सैईया से 11 किमी, भरतकूप से 15 किमी, लक्ष्मण पहाड़ी से 8 किमी एवं रेल्वे स्टेशन से 18 किमी, देवांगना हवाई अड्डा चित्रकूट से 10 किमी एवं चित्रकूट-सतना बस स्टैंड से 6 किमी दूर है।

चूंकि कथा के अनुसार भगवान राम ने अपने चौदह साल वनवास में से 12 साल चित्रकूट में ही बिताये थे, इसलिये श्री राम वन स्थल पर 13 प्रकार के निर्माण किये जायेंगे। 

इनमें शामिल हैं:- रामवन गमन पथ अनुभूति वाटिका, नवग्रह वन, नक्षत्र वन, आरोग्य वन, पंचवटी वन, श्रीपर्णी वन, कामदगिरी वन, पर्ण कुटी, गजीबो यानी पब्लिक पैगोडा, लैंडस्केपिंग-तालाब, कैफेटेरिया, टिकट प्लाजा, दो तालाब जिनके बीच में बनेगा आर्क ब्रिज।

उल्लेखनीय है कि गुजरात राज्य की तर्ज पर मप्र में चार जिलों में सांस्कृतिक वन बनाये जाने हैं जिनमें चित्रकूट का श्री राम वन स्थल भी शामिल है। हालांकि गुजरात के किसी भी सांस्कृतिक वन में पर्यटकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, परन्तु चित्रकूट के श्री राम वन स्थल पर शुल्क वसूलने के लिये टिकट प्लाजा बनाया जायेगा।


 

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