 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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शोर युक्त वातावरण में स्वस्थ नियमित नींद संभव नहीं रहती। रोशनी यदि शयन कक्ष में रहे टीवी चलता रहेगा तो नींद कैसे आएगी।
मन में चिंता, व्यथा, क्रोध, प्रतिशोध की भावना, मानसिक तनाव यदि पनप रहा होगा तो मस्तिष्क अशान्त रहेगा फिर नींद कैसे आएगी।
जीवन में निराशा, असफलतायें, दिनचर्या में पराजय नौकरी की, आपकी बीमारी की, ऋण की, मकान का, बच्चों के दायित्व की, पत्नी कर्कशा असहयोग परिवार के किसी सदस्य से, व्यथा नौकर की, गाड़ी की समस्यायें फिर सुलभ कैसे होगा।
जीवन में नाना प्रकार के विश्वासघातों से, छल प्रपंचनाओं से व्यथा, पत्नी का कपट या पति का दुराचार फिर नींद कहां। नियमित नींद के लिए सोने से 2 घंटे पूर्व खाने पीने से निवृत्त हो। विश्राम का मन हो पेट में अपचन गैस विकार न हो। ना ही मन तन में कोई आसक्त विकार हो। वर्ना उसी उधेड़बुन में मन मस्तिष्क व्यथित रहेगा। नींद कहां से आयेगी।
मन चंगा तो घर में बहेगी गंगा, दूसरों को व्यथित करने की प्रकृति निंदा करने की आदत वालों को भी अच्छी नींद नहीं आती है। इस दवाएं रहें जीवन का आधार फिर कैसे नींद आयेगी|
स्वस्थ वायु का आदान प्रदान करने वाला घर नहीं, एयर टाइट एसी के लिए बंद कमरा जो गन्दी हवा सांसों से बाहर निकली बिना स्वच्छ वायु के कमरों में वही गन्दी वायु ही पुनः सांसें लेने से हृदय जिसे स्वच्छ वायु रक्त शोधन के लिए चाहिए नहीं आती। तंग कसे कपड़े पहन कर सोने वालों को भी बढ़िया नींद नहीं आती। जिनके जीवन में कथनी करनी का भेद हो उन्हें भी अच्छी नींद गायब रहती है।
आपकी सेहत के लिए मुख्य स्रोत-
* दिनचर्या में आत्मविश्वास, स्वावलम्बन, आत्मनिर्भरता, कर्मठता हो।
* दिनचर्या में 2-4 बार खिलखिला कर हंसने की आदत डालें।
* हर आधे घंटे में नेत्र बंद करके गहरी सांसें लेकर निकालें। इससे कार्य करने में नई ताजगी स्फूर्ति ऊर्जा आती है।
* हर घंटे में निर्मल जल पिया करें। चाय, धूम्रपान ना करें।
* फलाहार दिनचर्या में अवश्य करें। बार बार कोल्ड ड्रिंक्स न लें।
* मन में शांति और संतोष रखें अपने जीवन को सरस बनाएं।
* प्रातः खुले वातावरण में घूमा करें।
* शरीर की मसाज मांसपेशियों को क्रियाशील करने के लिए मोटापा ना बढ़ने के लिए जरूरी है।
* शरीर की तेल मालिश रक्त वाहिनियों में स्फूर्ति लाने के लिए सप्ताह में 2 बार अवश्य शीत ऋतु में किया करें।
* जीवन में दूसरों की निन्दा करना / आलोचना करना / उनको कष्ट देना व्यथित करना छोड़िये इससे आपकी सेहत भी खराब होगी। मन यदि चंगा रहेगा सेहत अच्छी रहेगी।
* तैरना, साइकिल चलाना, दौड़ना, जॉगिंग करना, जिम जाना भी सेहत के लिए बलवर्धक साधन है।
* अपने घर परिवार को मृदुल बनाइये। मधुर बोलें, मुस्कुराते रहें। जीवन में संतोष संयम सदाचार सेहत को अच्छा बनाता है।
* हर प्रकार का व्यसन मानव सेहत का नष्टीकरण करता है।
* स्वस्थ जीवन क्रिया दिनचर्या रखें दूसरों की चिंता ना करें।
* जीवन में हारिए नहीं, ना कभी साहस छोड़िए ।
* विनम्रता समझौते की प्रकृति अपनाईएगा। क्रोध बदले की असहयोग अहंकार करने वाले त्रस्त ही रहते हैं।
* जीवन है मधुबन इसमें फूल खिलाओ मुस्कुराकर विनम्र रहकर कांटों (मानसिक तनावों) से ना भरो. अपना मन दिनचर्या में जहां चाहत है लक्ष्य की कर्मठता है विजय निश्चित है।
Dr Seema Rani
 
 
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