आत्मा का सच:
आत्मा, जो मानव व्यक्ति का अभिन्न अंश है, वह 'ईश्वर' का सीमित रूप है, परंपरागत नहीं, बल्कि वास्तविक रूप में परमात्मा का अंश है। इस आत्मा का मूल उद्देश्य परमेश्वर से ही प्राप्त होता है, जिसने इसे अस्तित्व प्रदान किया है।
आत्मा का अद्भुतता:
आत्मा, जो दिव्य बुद्धि से उत्पन्न होती है, जीवन में अपनी अभिव्यक्ति को पूरा करती है। इसे भगवान के साथ एक सादृश्य से नहीं, बल्कि अपने द्वारा चयनित इंद्रियों और मन के माध्यम से जीवन में प्रवेश करने का अवसर मिलता है।
आत्मा की आत्मीयता:
आत्मा, अपने साथी के साथ एकता को बढ़ावा देती है और इसे उसी सृष्टि के साथ मिलकर विकसित होने का अवसर देती है। यह एक आंतरिक सोद्देश्य और आत्मा की आत्मीयता की अनुभूति का प्रमोटर है।
जीवन का मूल्य:
आत्मा की अद्भुतता यह है कि वह विभिन्न व्यक्तित्वों को एक साधारिता में मिलाती है, जिससे एक सामंजस्यपूर्ण योजना बनती है। व्यक्ति का स्वभाव, उसके उद्देश्य को अनुसरण करता है, जिससे उसका जीवन सत्यमुखी और सत्यनिष्ठ होता है।
स्वतंत्रता का रास्ता:
आत्मा को अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए उचित ज्ञान की आवश्यकता है। सिद्धयोग इसका सरल और प्रभावी रास्ता है, जिससे व्यक्ति अपने असली रूप को समझता है और अंत में स्वतंत्र हो जाता है।
आत्मा और परमात्मा के अद्वितीय संबंध में हम देखते हैं कि जीवन का सच और मूल्यों को समझने में यह कैसे सहायक है। इस साधने से व्यक्ति अपने उद्देश्य की प्राप्ति, आत्मसमर्पण, और सम्पूर्णता की अद्भुतता की ओर बढ़ सकता है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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