 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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शिव भक्तों के लिए सावन मास एक पवित्र मास होता है, जब वे शिव पूजा और व्रत का विशेष महत्व देते हैं। इस बार का सावन मास काफी लम्बा है, क्योंकि इसमें कुल 58 दिन हैं, जो बहुत अद्वितीय है। इसके अलावा, इस महीने कुछ विशेष तिथियां हैं जिन्हें भक्त खास तौर पर मनाते हैं।
सावन मास में इस बार 8 सोमवार, 4 प्रदोष व्रत और शिवरात्रि सहित कुल 13 दिन शिव पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
सोमवार, जो शिव का दिन माना जाता है, सावन मास में अधिक महत्वपूर्ण होता है। इस वर्ष सावन में कुल 8 सोमवार हैं, जो शिव भक्तों के लिए एक विशेष आनंद का कारक हैं। इन दिनों पर भक्त शिव मंदिर जाते हैं और शिवलिंग पर जल, धूप, फूल और बेलपत्र चढ़ाते हैं। सोमवार का व्रत रखने से भक्तों को धार्मिक संयम, शक्ति और समृद्धि प्राप्त होती है।
प्रदोष व्रत भी सावन मास में महत्वपूर्ण होता है। सावन में शिव पूजा की खास तिथियां: 58 दिनों के सावन में 8 सोमवार, 4 प्रदोष और शिवरात्रि सहित 13 दिन.
सावन मास हिन्दू कैलेंडर के पांचवें मास के रूप में माना जाता है और यह शिव भक्तों के लिए विशेष महत्वपूर्ण है। इस वर्ष का सावन मास 58 दिनों का होगा, जो कि एक अद्वितीयता है। इसके अलावा, इस मास में कुछ खास तिथियां हैं जो शिव पूजा और व्रत के लिए विशेष महत्व रखती हैं। सावन मास में इस बार 8 सोमवार, 4 प्रदोष व्रत और शिवरात्रि सहित कुल 13 दिन हैं, जो शिव पूजा के लिए खास महत्वपूर्ण हैं।
प्रदोष व्रत भी सावन मास में विशेष महत्वपूर्ण होता हैं। इस व्रत को प्रदोष काल में रखा जाता हैं और यह भक्तों के लिए शिव की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर होता हैं। भक्त इस दिन शिवलिंग की पूजा करते हैं और शिव पूजा विधि का पालन करते हैं। प्रदोष व्रत रखने से भक्त को सुख, समृद्धि, और मानसिक शांति प्राप्त होती हैं।
शिवरात्रि भी सावन मास की एक महत्वपूर्ण तिथि हैं। यह रात्रि शिव पूजा के लिए समर्पित होती हैं और शिवजी के भक्तों द्वारा विशेष आयोजन किया जाता हैं। भक्त जागरण करते हैं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और मंदिरों में आरती और भजन का आयोजन करते हैं। शिवरात्रि पर किया गया व्रत भक्तों को मुक्ति, शक्ति और शिव का आशीर्वाद प्रदान करता हैं।
सावन मास में इन विशेष तिथियों पर शिव पूजा करने और व्रत रखने से भक्तों को धार्मिक आनंद, मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और शिव की कृपा प्राप्त होती हैं। ये दिन शिव पूजा और भक्ति के लिए विशेष महत्वपूर्ण होते हैं और शिव भक्तों को धार्मिकता और साधना की प्रेरणा देते हैं।
सावन मास की खास तिथियों पर शिव पूजा के अलावा, भक्तों को ध्यान रखने वाली कुछ विशेष बातें होती हैं। इन दिनों में भक्त उठते ही जल्दी स्नान करते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं। इसके बाद उन्हें ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। वे शिवलिंग पर जल-दूध चढ़ाते हैं, फूल, बिल्वपत्र, धतूरा और अन्य चीजें चढ़ाकर आरती करते हैं और नैवेद्य लगाते हैं। भक्तों को ध्यान देना चाहिए कि शिव को सिर्फ सात्विक चीजें ही भोग लगाया जाता हैं। इसके बाद उन्हें शिव मंत्र का जाप करना चाहिए।
सावन मास के इन खास 13 दिनों को भक्तों को शिव पूजा करने और व्रत रखने का एक अद्वितीय अवसर मिलता हैं। इन दिनों की भक्ति, साधना और पूजा से भक्त शिव की कृपा प्राप्त करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और आनंद की प्राप्ति होती हैं।
इस बार का सावन मास विशेष है क्योंकि यह 58 दिनों का होगा और एक अधिकमास भी है, जो 19 साल बाद हो रहा है। इस वर्ष के सावन में 8 सोमवार, 4 प्रदोष व्रत और शिवरात्रि सहित कुल 13 दिन हैं, जिन्हें शिव भक्तों द्वारा विशेष महत्व दिया जाता है। ये तिथियां भक्तों को शिव भक्ति में अधिक लगाव और आदर्श जीवन के लिए प्रेरित करती हैं।
सावन मास के इन खास दिनों पर भक्तों को शिव पूजा करने और व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। ये अवसर उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा, शक्ति और शांति प्रदान करते हैं।
सावन मास में शिव पूजा और व्रत करने से भक्त अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शिव की कृपा को आमंत्रित करते हैं। यह मास भक्तों के लिए शिव के संग जुड़ने और उनकी प्रतिमूर्ति को समर्पित करने का अद्वितीय अवसर हैं।
 
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