सोमवती अमावस्या 2023: कब रखा जाएगा सोमवती अमावस्या व्रत।
सोमवती अमावस्या 2023-
इस खास दिन पर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या व्रत कब रखा जाएगा और इस व्रत का धार्मिक महत्व क्या है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन का महीना जल्द ही शुरू होने वाला है।
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को सोमवती अमावस्या व्रत रखा जाएगा। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का भी विशेष महत्व है। आइए जानते हैं फाल्गुन मास में कब रखा जाएगा सोमवती अमावस्या व्रत और इस व्रत का आध्यात्मिक महत्व।
सोमवती अमावस्या व्रत 20 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा।
सोमवती अमावस्या पर अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस काल में अन्न, धन या वस्त्र का दान करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।
शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र स्नान और दान के साथ ही तर्पण आदि का विशेष महत्व है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन स्नान, तर्पण आदि अवश्य करना चाहिए।
माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है और पितृ प्रसन्न होते हैं। साथ ही इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के सभी दुखों का नाश होता है। यह साधक को अनेक प्रकार के दोषों से मुक्त करता है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का भी विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा दोनों का विशेष महत्व है। अमावस्या हर महीने के कृष्ण पक्ष की तिथि को आती है।
अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। इस दिन दान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
सोमवती अमावस्या का महत्व-
सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इसके अलावा पितरों को तर्पण भी किया जाता है। साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है। माना जाता है कि अगर किसी की कुंडली में पितृदोष है तो इस दिन पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन विधि-विधान से पूजा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
1. सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व है। यदि आप पवित्र नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं तो घर में ही गंगाजल से स्नान करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ देना चाहिए। ऐसा करने से आप बीमारियों से दूर रहते हैं।
2. पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
3. इस खास दिन शिव और पार्वती के साथ तुलसी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में धन की समस्या उत्पन्न नहीं होती है।
सोमवती अमावस्या का महत्व:
सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इसके साथ ही इस दिन पितरों को तर्पण भी किया जाता है। ऐसा करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन दान करने से घर में सुख-शांति आती है। हिंदू परंपरा में अमावस्या के दिन का बहुत महत्व होता है। अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है और इसका विशेष महत्व होता है। इस अमावस्या का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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