श्री राधारमण लाल जी का मंदिर सुप्रसिद्ध गौड़ीय सप्त देवालयों में से एक है। षड्गोस्वामियों में अन्यतम श्रीपाद गोपालभट्ट गोस्वामी द्वारा प्रकटित और सेवित श्री राधारमण लाल जी भक्तों का नित्य नव उल्लास और आनंद प्रदान करते हैं।
श्री राधारमण लाल जी पहले शालिग्राम रूप में विराजमान थे। एक समय किसी भक्त ने श्रीधाम वृंदावन में आकर समस्त श्रीविग्रह के लिये वस्त्र-अलंकार भेंट किये। श्रीपाद गोपालभट्ट जी मन में विचारने लगे कि मेरे आराध्य भी यदि अन्य श्रीविग्रहों की भाँति होते तो मैं भी उन्हें इन वस्त्रालंकारों से विभूषित करता।
श्रीनृसिंह चतुर्दशी के दिन प्रह्लाद के प्रेम के वशीभूत होकर प्रभु खंभे से प्रकट हो सकते हैं तो क्या मेरा ऐसा सौभाग्य होगा कि प्रभु शालिग्राम से प्रकट हो जायँ उन्होंने बहुत आर्त्त होकर विनय की। उस दिन की रात्रि व्यतीत होने के पश्चात् वैशाख शुक्ला पूर्णिमा को प्रात:काल यह देखकर उनके आनन्द की सीमा न रही कि श्री शालिग्राम त्रिभंग ललित, द्विभुज, मुरलीधर, मधुर मूर्ति श्याम रूप में आसन पर विराजमान हैं।
संवत 1599 की वह वैशाख शुक्ल पूर्णिमा व्रत में एक अपूर्व आनन्दोल्लास बिखेर रही थी। श्री रूप-सनातनादि गुरुजनों के सानिध्य में महाभिषेक उत्सव हुआ और श्री राधारमण लाल जी ने सबको आनन्द प्रदान किया। श्री राधारमण जी का मुख श्री गोविन्ददेव के समान, वक्षस्थल श्रीगोपीनाथ के समान तथा चरण युगल श्री मदन मोहन के समान है। अतः श्री राधारमण लाल जी के दर्शन कर दर्शनार्थियों को एक ही श्री विग्रह में चारों श्री विग्रहों के दर्शन प्राप्त होते|
भक्ति रत्नाकर ग्रन्थ से यह जाना जाता है कि श्रीपाद गोपाल भट्ट गोस्वामी ने श्री चैतन्य महाप्रभु की सेवा का सौभाग्य प्राप्त किया था और प्रभु ने यह आदेश दिया था कि गोपाल ! तुम श्रीवृन्दावन चले जाना, वहाँ श्री रूप- सनातन के निकट रहकर भजन-साधन कर तुम्हें श्री कृष्ण की प्राप्ति होगी।
माता-पिता के देहावसान के बाद श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी सब कुछ परित्याग कर श्रीधाम वृन्दावन आ गये। वे कुछ दिन श्री राधा-श्याम कुंड के बीच केलि कदम्ब के नीचे वास करने के बाद 'जावट' ग्राम के पास किशोर कुंड पर भजन-साधना करने लगे।
महाप्रभु को जब यह पता चला तो प्रभु ने अपनी डोर, कौपीन, बहिर्वास और एक आसन इनके लिये प्रसाद रूप में भेजा; जो श्री राधारमण मंदिर में आज भी संरक्षित हैं और समय-समय पर उनके दर्शन भी होते हैं।
भागवत कृष्ण
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024