Published By:धर्म पुराण डेस्क

एक मंदिर ऐसा भी : जहां मृतक भी हो जाते हैं जीवित

मान्यता है कि उत्तराखंड के देहरादून से 128 किलोमीटर दूर लाखामंडल नामक स्थान पर स्थित एक मंदिर में मृत व्यक्ति भी जीवित हो जाते हैं। यह मंदिर मूल रूप से भगवान शिव को समर्पित है और शिव जी के अनेक प्राचीन मंदिरों से घिरा हुआ है। 

इस मंदिर में स्थित शिवलिंग का मान्यता से स्वयंभू होने का दावा है, अर्थात यह स्वयं ही प्रकट हुआ है। इसके अलावा, यहां कई प्राचीन शिवलिंग खुदाई के दौरान प्राप्त हुए हैं और इनमें बड़ी संख्या में लोग पूजा पाठ करते हैं।

लाखामंडल मंदिर को लोगों की आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है और इसकी चमत्कारिक शक्तियों से भरा होने के कारण यह मंदिर प्रसिद्ध है। इसके चारों ओर की प्राकृतिक सौंदर्य और हिमालय की वादियों में स्थित होने की वजह से यहां पर्यटकों की भी बड़ी संख्या आती है।

लाखामंडल मंदिर के चमत्कारिक और रहस्यमयी गुणों का वर्णन करते हुए आमतौर पर निम्नलिखित प्रकार की कथाएं बताई जाती हैं:

मुर्दे का जीवित हो जाना: यहां की मान्यता के अनुसार, कई लोगों ने यह दावा किया है कि उनके परिजन मर चुके होते हैं, लेकिन जब वे लाखामंडल मंदिर आते हैं और पूजा करते हैं, तो उनके परिजन अचानक जीवित हो जाते हैं। यह एक चमत्कारिक घटना मानी जाती है और इसके बारे में कई कथाएं प्रसिद्ध हैं।

चमत्कारिक उठाव: कई लोगों ने दावा किया है कि जब वे लाखामंडल मंदिर में जाते हैं और श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं, तो मंदिर में स्थित मूर्ति या शिवलिंग खुद उठ जाते हैं और उनके साथ बैठ जाते हैं। यह भी एक रहस्यमयी और आश्चर्यजनक घटना मानी जाती है।

लाखामंडल मंदिर एक सामान्य धार्मिक स्थल है जहां शिव भक्तों की आस्था और विश्वास का केंद्र है। यहां के चमत्कारिक घटनाओं के पीछे वैज्ञानिक व्याख्यान नहीं है, और यह आस्था और श्रद्धा के क्षेत्र में मान्यता और आदर्शों का एक उदाहरण है।

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