 Published By:धर्म पुराण डेस्क
 Published By:धर्म पुराण डेस्क
					 
					
                    
ज्योति पर्व दिवाली जहाँ एक ओर धन, वैभव एवं ऐश्वर्य की अधिष्ठाता एवं समृद्धि की दाता लक्ष्मी जी का प्राकट्य दिवस है वहीं उन्नीसवीं शताब्दी के महान योगी संत एवं वेदान्त के व्यावहारिक व्याख्या स्वामी रामतीर्थ का जन्मदिन भी है। जातिवाद भारत के लिए धीमे विष के समान है।
यदि भारत में स्त्रियों को शिक्षित नहीं किया गया और मजदूर वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखा गया तो राष्ट्रीयता का वृक्ष धीरे-धीरे धराशाई हो जायेगा, जैसे गतिशील क्रांतिकारी विचारों का निरन्तर उद्घोष करने वाले स्वामी रामतीर्थ का जन्म दीप पर्व 22 अक्टूबर, 1873 को पंजाब के मुरारी वाला (गुजरांवाला) जिले में जो अब पाकिस्तान में हैं, हुआ था।
पिता हीरानन्द गोसई गांव के ही मन्दिर में पुजारी थे, अतः उनका तो सारा समय ठाकुर जी की सेवा के ही नाम था दुःखद संयोग यह है कि माँ का देहावासन भी इनके जन्म के मात्र कुछ दिनों बाद ही हो गया। पालन पोषण किया बड़े भाई गुसाई गुरुदास ने। लेकिन मेधावी राम ने गणित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री लेकर फॉरमेन क्रिश्चयन कॉलेज लाहौर में व्याख्यता का पद ग्रहण किया। चिन्तन और मनन की प्यास उन्हें कभी निर्जन स्थानों तक ले जाती तो कभी ऋषिकेश। ऋषिकेश में गंगा जी में स्नान करते समय उन्हें अपने कई गूढ़ प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए।
सन् 1897 में लाहौर में प्रथम बार उनकी भेंट स्वामी विवेकानन्द से हुई। यह दो अद्भुत मेधाओं का मिलन था। इस भेंट ने राम की जीवन दिशा निश्चित की। सन् 1899 में अपने पद से त्यागपत्र देकर वे संन्यास की ओर उन्मुख हो गये। धीरे-धीरे पंजाब में उनकी ख्याति कृष्ण भक्ति एवं अद्वैत वेदांत व्याख्याता के रूप में फैल गई।
सन् 1901 में उन्होंने पूर्ण संन्यास धारण किया और तभी भारत के एक महाराज ने उन्हें अपने व्यय पर जापान भेजा। वहाँ से वे अमेरिका गये। स्वामी विवेकानंद जी की सन् 1893 में अमेरिका यात्रा के बाद किसी भारतीय विद्वान की यह दूसरी यात्रा थी।
सन् 1902 में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में रहे। उस बीच उन्होंने ने केवल व्यावहारिक वेदान्त पर अनेक व्याख्यान दिये वरन् भारतीय युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करें तथा अमेरिकन विश्व विद्यालयों में उनका प्रवेश हो इस दिशा में भी व्यावहारिक कार्य किया। इस हेतु उनकी पहल से भारतीय विद्यार्थियों के लिए अनेक स्कॉलरशिप स्थापित हुई वापसी पर उनका भव्य स्वागत हुआ किन्तु सन् 1906 में वे सब कुछ छोड़कर गम्भीर चिन्तन मनन हेतु हिमालय की कन्दराओं में चले गये। वहाँ उन्होंने व्यावहारिक वेदान्त पर एक पुस्तक लिखना प्रारम्भ की जो अपूर्ण ही रही।
17 अक्टूबर सन् 1906 को गंगा जी में ही समाधि अवस्था में उन्होंने देह त्याग दी। संयोग से यह दिन दिवाली का ही दिन था। गौतम बुद्ध के समान उनका भी जन्म एवं देहावसान दिवस एक ही था। उनके दो निकटतम शिष्य पूरन सिंह लिखित 'द पोस्ट मॉन्क ऑफ पंजाब' का हिन्दी एवं अंग्रेजी में प्रकाशन हुआ और सन् 1935 में नारायन स्वामी द्वारा उनकी जीवनी क्रांति की गई उनसे प्रभावित परमहंस योगानन्द ने बाद में उनकी कविताओं का बंगाली से अंग्रेजी में अनुवाद किया।
गौतम बुद्ध से वे काफी प्रभावित थे उनके दर्शन का समावेश देखने को मिलता है। बुद्ध के समान उन्होंने भी अज्ञान को घोरतम पाप एवं ज्ञान को महानतम वरदान की संज्ञा दी। बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने एक सौ वर्ष पूर्व ही 21 वीं शताब्दी में भारत के अंतिम विकास एवं विश्व मानचित्र पर छा जाने की भविष्यवाणी कर दी थी।
वे कहते थे कि भारत को शिक्षित युवा वर्ग की आवश्यकता है न कि मशीनरी की। 'स्त्रियों के हृदय में परमात्मा का वास है' मानने वाले इस महान योगी की शिक्षाओं एवं दर्शन के प्रचार-प्रसार एवं अध्ययन हेतु उत्तराखंड में देहरादून के निकट कोटल गांव में राजपुर में रामतीर्थ मिशन माध्यम की स्थापना की गई है।
 
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024 
                                यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024 
                                लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024 
                                संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024 
                                आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024 
                                योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024 
                                भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024 
                                कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                