Published By:धर्म पुराण डेस्क

अत्यधिक सावधानी के साथ TB रोग का इलाज किया जा सकता है

2021 में, दुनिया में तपेदिक(TB) के निदान वाले 1.06 करोड़ लोगों में से 28% भारत में थे। केरल में हर साल 20,000 लोगों को क्षय रोग होता है। 

भारत में प्रतिदिन 1380 लोग तपेदिक(TB) से मरते हैं। कई वरिष्ठ नागरिक भी इस बीमारी की चपेट में हैं। क्षय रोग से निपटने पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

क्षय रोग मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है। शरीर के अन्य अंग भी इस रोग से प्रभावित होते हैं। यह रोग बैक्टीरिया के कारण होता है। 

वायु जनित रोग होने के कारण अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। लंबी खांसी, खांसी में खून आना, सीने में दर्द, भूख न लगना आदि लक्षण दिखाई दें तो तुरंत जांच करानी चाहिए।

आइए बीमारी का सामना करें-

* बीसीजी टीकाकरण तपेदिक(TB) के खिलाफ अधिक सुरक्षा प्रदान करता है।

* जैसा कि यह एक वायु जनित रोग है, तपेदिक(TB) के रोगियों को दूसरों के संपर्क से बचना चाहिए और डॉक्टर द्वारा निर्धारित संगरोध शर्तों का पालन करना चाहिए।

* रोगियों के खांसने और छींकने से रोग फैल सकता है। 

* टिश्यू पेपर में छींकने के बाद टिश्यू पेपर को अलग जगह पर डिस्पोज किया जा सकता है।

* तपेदिक(TB) के लिए दवाइयां उपलब्ध हैं। 

* मरीजों को डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा के अनुसार ही दवा लेनी चाहिए।

* बीमारी का जल्द पता लगाने से तेजी से ठीक होने में मदद मिलेगी। 

* परीक्षणों में देरी न करें।

TB एक संभावित गंभीर संक्रामक जीवाणु रोग है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है।


 

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