यह नितांत सत्य है कि उम्र के अनुसार शरीर की कार्य क्षमता प्रभावित होती है, जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे-वैसे शिथिलता, उदासीनता, थकावट, आलस्य आदि भी बढ़ता जाता है। जिसका प्रभाव हमारी जीवनशैली और हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।
यहाँ हम इस लेख में आपको आपकी उम्र के अनुसार स्वस्थ जिन्दगी जीने के बेहतरीन तरीके बता रहे हैं जिनका आप भरपूर लाभ उठाएं।
सभी एक स्वस्थ शरीर की कामना करते हैं, ताकि पूरी जिन्दगी फिट रहा जा सके। जिन्दगी का भरपूर मजा लिया जा सके, उम्र बढ़ने पर शारीरिक रूप से किसी और पर निर्भर न रहना पड़े लेकिन क्या हम इन सबके लिए व ताउम्र फिट रहने के लिए कुछ कर रहे हैं?
दरअसल शरीर की देखभाल करने के लिए हमें 20 वर्ष की उम्र से ही जरूरत पड़ जाती है। यह किसी भी व्यक्ति की जिन्दगी का वह दौर है, जब वह सबसे ज्यादा क्षमतावान होता है और शारीरिक सौष्ठव व व्यायाम, फिटनेस को लेकर ज्यादा सजग भी। आपकी उम्र चाहे जो भी हो लेकिन ताउम्र फिट रहने के लिए आपको क्या करना होगा आइए जानें-
20 से 30 वर्ष के बीच …
अपना नया फिटनेस चार्ट अभी ही बना लीजिए। यह जीवन का वह दौर है, जब हम सुन्दर और फिट दिखने के प्रति सबसे ज्यादा सजग होते हैं पर इस सजगता के साथ भविष्य के बारे में सोचने की भी जरूरत है।
यदि जीवन के इस दौर में आप अपने शरीर की देखभाल करेंगे तो उसका फल शरीर आपको उम्र बढ़ने पर देगा। यानी कि यदि टीनएज और उसके बाद के कुछ वर्षों में आपने अपने शरीर और उसकी फिटनेस का पूरा ध्यान रखा है तो उम्र बढ़ने पर हाइपरटेंशन, हार्ट-प्रॉब्लम व बदलती लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं आपसे दूर रहेंगी।
इस समय आपको ऐसी एक्सरसाइज व व्यायाम चुनने चाहिए, जिससे हड्डियां मजबूत हों और उम्र बढ़ने पर ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा न हो और एक्सरसाइज के साथ-साथ अपनी डाइट का भी पूरा ख्याल रखें। जंक फूड से दूर रहें, एल्कोहल युक्त पेय पदार्थों से हमेशा बचे।
30 से 40 वर्ष के बीच ...
यह एक तथ्य है कि 30 वर्ष की आयु के बाद शरीर का मेटाबॉलिज्म पहले की तुलना में काफी धीमा हो जाता है यानी यदि आपकी डाइट पहले जितनी ही हो फिर भी आप इस उम्र में पहले की तुलना ज्यादा मोटी हो जाएंगी। किन्तु यह जरूरी नहीं कि यह प्रक्रिया आपके 30 साल में प्रवेश करते ही शुरू हो जाएगी, पर 30 से 40 साल के बीच इस बात की संभावना ज्यादा हो जाती है। इस समय मांसपेशियों का वजन कम होने लगता है और वे कैलोरी का पहले जितना इस्तेमाल नहीं कर पाती, इसलिए अतिरिक्त कैलोरी शरीर में वसा के रूप में जमा होने लगती है।
30 से 40 वर्ष के बीच फिट रहने के लिए आपका मुख्य फोकस शरीर की अतिरिक्त वसा का उपयोग करना होना चाहिए। इस उम्र में कमर के आसपास वसा का जमा होना आम बात है, इसका निदान ढूँढकर आप हृदय से जुड़ी समस्याओं से खुद को दूर रख पाएगा। नियमित रूप से व्यायाम करें और तनाव से खुद को दूर रखने की कोशिश करें।
40 से 50 के वर्ष बीच ...
40 वर्ष की आयु यानी किसी भी व्यक्ति के जीवन का वह दौर, जब हम अपनी जिन्दगी से सबसे ज्यादा संतुष्ट होते हैं, लेकिन इस मानसिक शान्ति के बीच क्या आपको उन आंतरिक और बाहरी बदलावों का ध्यान है, जिससे आपका शरीर इस वक्त गुजर रहा है।
उदाहरण के लिए जरा अपनी त्वचा पर नजर डालिए, आपने जरूर अपनी त्वचा और मांसपेशियों में आ रहे बदलावों पर गौर किया होगा झुर्रियां व झाइयां प्रतीत हो रही हैं, ये तो हुई बाहरी बदलावों की बातें।
पर, क्या आपने शरीर के आंतरिक बदलावों पर भी गौर किया? इस उम्र में स्केल्टन सिकुड़ने लगता है और साथ ही दिल और फेफड़े की कार्यक्षमता भी कम होने लगती है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
नियमित व्यायाम और अच्छी पोषक डाइट की मदद से आप शरीर के बूढ़े होने की प्रक्रिया को धीमा कर सकती हैं। चूँकि यह उम्र मेनोपॉज की होती है, इसलिए आपको अपनी शारीरिक क्षमता बढ़ाने की विशेष जरूरत है। इस उम्र में अपनी सेहत का खास ख्याल रखें ताकि परेशानी कम हो।
50 और उसके बाद …
उम्र 50 से ज्यादा हो गई है, पर ये क्या? सारा समय मोबाइल, टी.वी. देखने और तरह-तरह का खाना खाकर गुजार रही हैं। क्या आपको पता है कि बुढ़ापे की एक वजह एक्सरसाइज न करना भी है?
यदि आप भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं/ या रही हैं, तो तमाम तरह की बीमारियों का सामना करने के लिए तैयार हो जाइए। पर, इस उम्र में अचानक ही एक्सरसाइज और वह भी लम्बे समय तक, आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
जरूरी यह है कि आप इस उम्र में खुद को सक्रिय रखने की कोशिश करें। सुबह-शाम नियमित रूप से टहलें। इससे हृदय ठीक तरीके से काम करेगा और मस्तिष्क भी लम्बे समय तक सक्रिय रहेगा। खान-पान का भी खास ध्यान रखें, दही, दाल, चावल, फुल्के, सलाद, जूस, फल आदि का नियमित सेवन करें, उपवास से बचें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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