 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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कुंडली में कोई ग्रह कमजोर होता है या शुभ फल प्राप्त करने के लिए रत्न धारण किया जाता है।
रत्न विज्ञान में कुंडलिनी ग्रहों की स्थिति के अनुसार रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ज्योतिष में रत्नों का उल्लेख कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने और शुभ फल की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
प्रत्येक ग्रह के अनुसार रत्नों का उल्लेख मिलता है। रत्न धारण करने वाले व्यक्ति को आर्थिक लाभ, करियर, शिक्षा, व्यवसाय और वैवाहिक जीवन से संबंधित समस्याओं का सामना करने के लिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
आइए जानते हैं बुध ग्रह से जुड़े रत्न और उसे धारण करने की विधि के बारे में …
रत्न विज्ञान में ग्रह के अनुसार रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन राशि के जातकों के लिए पन्ना रत्न बहुत शुभ माना जाता है। इस राशि के जातकों को ज्योतिषीय सलाह से हरा पन्ना धारण करना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध कमजोर हो तो बुध की महादशा को मजबूत कर उससे छुटकारा पाने के लिए उसे धारण करने की सलाह दी जाती है।
पन्ना धारण करने से व्यक्ति के व्यवसाय में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और साथ ही आय के नए रास्ते खुलते हैं।
यह आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए भी माना जाता है। पन्ना रत्न व्यक्ति को कर्ज से मुक्त करता है।
पन्ना रत्न का संबंध बुध ग्रह से है। बुधवार माना। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अश्लेषा या ज्येष्ठा नक्षत्र में पन्ना रत्न धारण करने से अनेक लाभ होते हैं।
पन्ना रत्न सोने, चांदी या प्लेटिनम वीटी में पहना जा सकता है।
बुधवार के दिन इसे धारण करने से पहले गाय के ताजे दूध और गंगाजल के मिश्रण से शुद्ध कर लें। फिर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके "ओम बंधाय नमः" मंत्र की 3 माला का जाप करें। फिर अंगूठी को दाहिने हाथ की छोटी उंगली में धारण करें।
 
 
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