विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। दोपहर में कपाट बंद होने के साथ ही चार धाम यात्रा का समापन भी हो जाएगा।
बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे और इस बार रिकार्ड 17.47 लाख श्रद्धालु ने बाबा बद्रीनाथ के दर्शन किये।
अगर कोरोना से पहले बीते दो सालों की बात करें तो 2018 में 10.58 लाख, जबकि 2019 में 10.48 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। कपाट बंद करने से पूर्व मंदिर को फूलों से सजाया गया है। कपाट बंद होने के बाद अब शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर व जोशीमठ में श्रद्धालु भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे।
बद्रीनाथ धाम से पहले केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर को बंद किए गए थे। वहीं गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर को और यमुनोत्री धाम के कपाट भी 27 अक्टूबर को बंद किए जा चुके हैं।
चार धाम के प्रमुख मंदिरों के कपाट केवल 06 माह के लिए खोले जाते हैं। इन धाम के कपाट गर्मियों के प्रारंभ के समय अप्रैल के अंत या मई के प्रारंभ में खोले जाते हैं और इनको नवंबर में बंद कर दिया जाता है। नवंबर के समय में पहाड़ों पर बर्फबारी को देखते हुए इनके कपाट बंद कर दिए जाते हैं और फिर ये पूरी सर्दियों में बंद रहते हैं।
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