बुद्धि आखिर क्या है, बुद्धि की प्रशंसा क्यों की गई है, जहां बुद्धि है वही बल है, ऐसा क्यों कहा गया है।
मनुष्य जो भी भले बुरे, छोटे बड़े तथा साधारण या महान कार्य करता है वह बुद्धि के सहारे ही कर पाता है। नीति शास्त्रों में बुद्धि की बहुत प्रशंसा की गई है। यथा- बुद्धिर्यस्य बलं तस्य, निर्बुद्धेस्तु कुतो बलम- अर्थात जहां बुद्धि है वहीं बल है, जहां बुद्धि नहीं वहां बल कैसे हो सकता है ? हाथी कितना बलवान होता है पर महावत अपने बुद्धिबल से हाथी को भी वश में रखता है।
बड़ी बड़ी और अत्यन्त शक्तिशाली मशीनों का संचालन भी मनुष्य अपनी बुद्धि के बल पर ही करता है और उन्हें अपने नियंत्रण में रखता है। इतना ही नहीं इस सारे संसार पर ही 'बुद्धि' का शासन चल रहा है। धन, वैभव, उपकरण, शस्त्र आदि सब या तो साधन के रूप में प्रयोग किये जाते हैं या साध्य के रूप में लेकिन इनका संचालन तो 'बुद्धि' ही करती है। मनुष्य की संगति में रहने वाले कुछ पशु पक्षी, जैसे हाथी, घोड़ा, कुत्ता, तोता-मैना, बंदर और डॉल्फिन-मछली आदि भी बुद्धिपूर्ण कार्य करने लगते हैं लेकिन वे सभी कार्य आदतन करते हैं।
बुद्धि मानसिक गुणों और उपाधियों का एक महत्वपूर्ण आवाज है जो मनुष्य को सोचने, विचार करने, निर्णय लेने और कार्य करने की क्षमता प्रदान करती है। यह हमारे ज्ञान, विवेक, बुद्धिमत्ता, ब्रह्मज्ञान, तार्किकता, नीति, अनुभव, धैर्य, समझदारी और बुद्धिपूर्ण कर्म का स्रोत है। इसके माध्यम से हम अपने जीवन में बुद्धिमान निर्णय लेते हैं और अच्छे और सही रास्ते पर चलते हैं।
बुद्धि की प्रशंसा उसके महत्वपूर्ण कारणों से होती है। बुद्धि हमें ज्ञान, अनुभव, और समझ का आदान-प्रदान करती है, जिससे हम सही और उचित निर्णय ले सकते हैं। यदि हमारे पास समझदार बुद्धि है, तो हम बुरी परिस्थितियों का सामना करने में सफल हो सकते हैं और उच्चतम लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने मार्ग को निर्धारित कर सकते हैं।
बुद्धि हमारे आदर्शों, मूल्यों, और नीतियों के आधार पर कार्य करने में सहायता करती है और हमें सामाजिक और नैतिक मानदंडों का पालन करने में मदद करती है। इसलिए नीति शास्त्रों में बुद्धि को महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि वह हमें उचित निर्णय लेने और शुभ कार्य करने की क्षमता प्रदान करती है।
बुद्धि की शक्ति का उद्धरण "जहां बुद्धि है, वहीं बल है" इसलिए कहा गया है क्योंकि बुद्धि हमें अद्यतित ज्ञान, विचारशीलता, और समझ के साथ सभी परिस्थितियों में सामर्थ्य प्रदान करती है। एक बुद्धिमान व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सही निर्णय ले सकता है और अवसरों को पहचान सकता है। वह अपने विचारों और कर्मों के माध्यम से सफलता की प्राप्ति कर सकता है।
इस प्रकार, बुद्धि मानव जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है और उसका सहारा लेकर ही हम बड़े-बड़े कार्य कर सकते हैं और सफलता की प्राप्ति कर सकते हैं।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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