Published By:धर्म पुराण डेस्क

घर की रसोई इस तरह होनी चाहिए वास्तु शास्त्र में बताया सबसे बड़ा नियम

घर में किचन साधारण हो या मॉडल है लेकिन वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों का पालन किया जाए तो घर की रसोई साक्षात अन्नपूर्णा बन जाती है. तो आज हम बताएंगे वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की रसोई के नियम.

रसोई घर की स्थिति-

यह सभी जानते हैं कि रसोई घर अग्नि कोण में रहना चाहिये। आखिर क्यों? क्योंकि हमारे ऋषियों ने इन सभी बातों की जानकारी प्राप्त की। 

लेख लिखकर सारे लेखक चले गये लेकिन इसके कारणों को आज तक किसी ने नहीं जाना। इसका भी एक वैज्ञानिक रहस्य है कि रसोई घर को अग्नि कोण में ही क्यों बनाया जाता है। 

अग्नि कोण एक ऐसा कोण है जहां पर सूर्य का तापक्रम न अधिक ज्यादा होता है और न ही अधिक कम। पुराने समय में गैस, microwaves या स्टोव नहीं होते थे तो उस समय लकड़ियों व गोबर के उपलों के ऊपर खाना बनाया जाता था।

इसीलिए अग्नि कोण में अगर आपका चूल्हा होगा तो वहां पर लक्कड़ पड़ा रहेगा और लक्कड़ सूर्य की किरणों से गर्म हो जायेंगे तो जल्दी ही आग जलाने में मदद मिलेगी। पूरे दिन उन पर सूर्य की किरणों का प्रभाव भी बना रहता है। जिसकी वजह से जब भी आप बार-बार चूल्हा जलाएंगे तो आपको आग जलाने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। इसलिये ऋषियों ने दक्षिण-पूरब या अग्नि कोण में ही श्रेष्ठ समझा।

आजकल जमाना बदल गया है, गैस और स्टोव से काम लिया जा रहा है। ये भी उसी विधि से कार्य करते हैं। अगर आपका स्टोव गर्म है, गैस का सिलेंडर गर्म है तो माचिस या लाइटर की सहायता से आसानी से आप रसोई का काम ले सकते हैं तथा सर्दियों में सिलेंडरों में गैस जम जाती है जिसकी वजह से चूल्हे में पूरी तरह से गैस काम नहीं करती है। 

अगर ये अग्नि कोण में रखे हुए होंगे तो आसानी से जल जायेंगे। इसी प्रकार अगर माचिस अग्नि कोण में रखी होगी तो आसानी से रसोई में काम आ जायेगी।

बिस्कुट, नमकीन जो ज्यादातर सर्दियों में नम हो जाते हैं जिसकी वजह से इनका स्वाद खराब हो जाता है। अगर ये सारे अग्नि कोण में रखे हुए होंगे तो इनका न तो स्वाद ही खराब होगा और साथ ही ये कुरकुरे भी बने रहेंगे।


 

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