Published By:धर्म पुराण डेस्क

इस दिन से शुरू हो रहा है सावन का महीना, इस बार इन उपायों से करें भोलेनाथ को प्रसन्न

सावन का महीना इन उपायों से करें भोलेनाथ को खुश ..

भगवान शिव को समर्पित सावन का महीना हिंदू धर्म में बेहद अहम है. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान भगवान शिव धरती पर आते हैं। इसलिए महादेव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। 

कहा जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस साल सावन का महीना 14 जुलाई से 12 अगस्त तक रहेगा।

इस महीने में कुल चार सोमवार व्रत रखे जाएंगे। सातवें महीने के पहले सोमवार को 18 जुलाई का व्रत है। इसके बाद दूसरा सोमवार, 25 जुलाई, तीसरा सोमवार, 01 अगस्त और चौथा सोमवार, 08 अगस्त होगा। 

शास्त्रों के अनुसार शाम के समय कुछ उपाय करने से घर में सुख, समृद्धि, शांति और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए आपको बताते हैं कुछ खास उपाय

जो लोग किसी भी शारीरिक दर्द से परेशान हैं उन्हें सावन के महीने में रोज सुबह पानी में काले तिल मिलाकर उस जल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से शारीरिक बीमारियां जल्दी ठीक हो जाती हैं।

सरसों के तेल से शिवलिंग का रुद्राभिषेक …

सातवें महीने के सोमवार के दिन शिवलिंग का सरसों के तेल से अभिषेक करें। फिर भगवान शिव से आपके और आपके परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें। ऐसा माना जाता है कि यह घर और परिवार में भगवान शिव की कृपा लाता है और बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है।

पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक …

जो लोग अपने वैवाहिक जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, उन्हें सावन के महीने में शिवलिंग को पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। फिर शिव और माता पार्वती की पूजा करें। ऐसा माना जाता है कि इससे दांपत्य जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।

मां पार्वती को चांदी का झांझर चढ़ाएं …

सावन की शिवरात्रि तिथि पर मां पार्वती को चांदी का झांझर चढ़ाएं। फिर केसर की मिश्रित खीर बनाकर भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करें। इससे रोजगार और व्यापार से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलेगी। काम में सफलता आय और धन के नए स्रोत खोलेगी।

पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान …

* यह महीना भगवान शिव को प्रिय है, इसलिए यदि आप उपवास नहीं करते हैं तो भी भोलेनाथ को जल और दूध अवश्य चढ़ाना चाहिए।

* शिवलिंग पर बेल के पत्तों को जल से छिड़कें।

* भगवान की पूजा में केतकी के फूलों का प्रयोग न करें क्योंकि इससे भोलेनाथ नाराज हो जाते हैं।

* भगवान शिव को कभी भी तुलसी या नारियल पानी न चढ़ाएं।

* शिवलिंग पर हमेशा पीतल या कांसे के बर्तन से जल चढ़ाएं।


 

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