Published By:धर्म पुराण डेस्क

आपके घर की नेम प्लेट बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह जाती है

आपके घर के बाहर लगी नेम प्लेट न सिर्फ आपकी पहचान बनाती है, बल्कि आपको बर्बाद भी कर सकती है। 

वास्तुशास्त्र के अनुसार यह सच है कि घर के बाहर की नेम प्लेट आपके नाम और व्यवसाय की जानकारी देती है, लेकिन लोगों को यह नहीं पता होगा कि घर के बाहर नेम प्लेट का असर घर के अंदर रहता है। यह लोगों को भी प्रभावित करता है।

यदि नेम प्लेट आपके घर के बाहर गलत तरीके से लगाई गई है, तो इसका दोष है। इसलिए घर के बाहर रखी नेम प्लेट के बारे में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि घर में कीर्ति, सुख-समृद्धि आए।

सुनिश्चित करें कि नाम प्लेट पर दो पंक्तियों में लिखा गया है।

* नेम प्लेट हमेशा एंट्री गेट के दाईं ओर लगाएं।

* नेम प्लेट पर अक्षरों का डिजाइन ऐसा होना चाहिए कि पढ़ने में स्पष्ट हो।

* नेम प्लेट पर फॉन्ट न तो बहुत बड़ा है और न ही बहुत छोटा।

* नेम प्लेट में ऐसे फॉन्ट होने चाहिए जो किसी भी उम्र के लोग एक निश्चित दूरी से आसानी से पढ़ सकें।

* नेम प्लेट इस तरह से लिखी जानी चाहिए कि उसमें ज्यादा भीड़ न लगे।

* नेम प्लेट को हमेशा दीवार या दरवाजे के बीच में लगाएं।

* गोल, त्रिकोणीय और विषम आकार की नेम प्लेट घर के लिए आदर्श हैं।

* वस्तु पर चिपकाई गई नेम प्लेट वास्तु के दोषों को घर में प्रवेश करने से रोकती है।

* घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर के कष्ट और रोग दूर होते हैं।

* नेम प्लेट कहीं से भी नहीं टूटनी चाहिए और उसमें कोई छेद नहीं होना चाहिए अन्यथा घर में नकारात्मकता आती है।

* नेम प्लेट को हमेशा साफ रखें। उस पर मिट्टी या जाल न बनने दें

* नेम प्लेट का रंग घर के मुखिया के आधार पर चुनें।

* नेम प्लेट पर सफेद, ऑफ व्हाइट, हल्का पीला, केसरिया आदि रंगों का ही प्रयोग करें।

* नेम प्लेट पर गहरे रंग जैसे नीला, काला, ग्रे या इसी तरह का प्रयोग करना न भूलें।

* आप नेम प्लेट के एक तरफ गणपति या स्वास्तिक का चिन्ह भी बना सकते हैं।

* रोशनी के लिए आपको नेम प्लेट पर एक छोटा सा बल्ब भी लगाना चाहिए।

* प्लास्टिक से बनी नेम प्लेट ना लगाएं, इससे घर में नकारात्मकता आएगी।

* तांबे, स्टील या पीतल जैसी धातु से बनी नेम प्लेट से हमेशा फायदा होगा।

* आप लकड़ी और पत्थर से बनी नेम प्लेट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।


 

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